जमशेदपुर, 23 जुलाई 2025
सीएसआईआर–राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल), जमशेदपुर में बुधवार को प्रतिष्ठित ईएमबीटी-2025 (Emerging Mineral Beneficiation Technologies) सम्मेलन का उद्घाटन भव्य रूप में किया गया। यह सम्मेलन खनिज परिशोधन के क्षेत्र में नवाचार, टिकाऊ तकनीकों और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।समारोह का उद्घाटन सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने किया। उन्होंने देशभर से पधारे गणमान्य वैज्ञानिकों, उद्योग प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों का स्वागत करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि खनिज परिशोधन न केवल औद्योगिक उत्पादकता बढ़ाने का आधार है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि उभरती हुई तकनीकों, स्वचालन (automation) और ग्रीन प्रोसेसेस के माध्यम से यह क्षेत्र एक स्थायी भविष्य की दिशा में अग्रसर हो रहा है।
सम्मेलन का उद्देश्य और व्यापक भागीदारी
डॉ. देवव्रत मिश्रा, अध्यक्ष, ईएमबीटी-2025 एवं प्रमुख, खनिज प्रसंस्करण प्रभाग, एनएमएल ने सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह आयोजन लौह, अलौह, औद्योगिक और रणनीतिक खनिजों के सतत उपयोग और नवीनतम तकनीकी नवाचारों पर केंद्रित है। ईएमबीटी-2025 एक ऐसा मंच है जो वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों और नीति निर्माताओं को एक साथ लाकर ऊर्जा दक्ष, शून्य-अपशिष्ट (Zero Waste) तकनीकों को बढ़ावा देता है।सम्मेलन में देश के 22 अग्रणी संस्थानों और संगठनों जैसे टाटा स्टील, हिंदुस्तान कॉपर, हिंदुस्तान जिंक, एएमएनएस इंडिया, कोल इंडिया, एनएमडीसी, सेल, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईआईटी, सीएसआईआर की प्रयोगशालाएं तथा अन्य प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं। कुल मिलाकर लगभग 150 प्रतिनिधि और वक्ता तीन दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं।
मुख्य अतिथि की प्रेरक उपस्थिति
समारोह के मुख्य अतिथि श्री संजीव कुमार सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ने सीएसआईआर-एनएमएल के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि खनिज परिशोधन भारत की आत्मनिर्भरता और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने हिंदुस्तान कॉपर द्वारा अपनाई गई आधुनिक तकनीकों जैसे डिजिटलीकरण, नवाचार, ग्रीन प्रोसेसिंग और डाउनस्ट्रीम इंटीग्रेशन के प्रयासों की चर्चा की, जो न केवल उत्पादन बढ़ाने में सहायक हैं, बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव को भी न्यूनतम करने में मदद करते हैं।
तकनीकी सत्र और शोधपत्र प्रस्तुतियां
डॉ. आर.के. रथ, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं संयोजक, ईएमबीटी-2025 ने बताया कि इस सम्मेलन के तहत 66 तकनीकी शोधपत्रों का प्रस्तुतिकरण किया जा रहा है, जिन्हें 9 समानांतर तकनीकी सत्रों में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही एक विस्तृत पोस्टर सत्र का भी आयोजन किया गया है, जिसमें उभरती तकनीकों और शोध कार्यों की झलक प्रस्तुत की जा रही है।
प्रमुख व्याख्यान और विशेषज्ञों की उपस्थिति
सम्मेलन में कई ख्यातनाम वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा प्लेनरी व्याख्यान दिए गए। इनमें श्री सुबोध पांडे, उपाध्यक्ष (प्रौद्योगिकी), टाटा स्टील; डॉ. प्रदीप, पूर्व वैज्ञानिक, टीआरडीडीसी; डॉ. पी.के. बनर्जी, उत्कृष्ट वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीआईएमएफआर; तथा प्रो. डी.के. सिंह, आईआईटी-आईएसएम धनबाद शामिल हैं। आने वाले दो दिनों में और नौ प्रमुख व्याख्यान होने वाले हैं, जिनमें खनिज प्रसंस्करण के विविध आयामों पर चर्चा की जाएगी।