ECL कर्मचारी विष्णु रेड्डी के साथ मारपीट मामला: प्राथमिकी के बाद भी आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं, पीड़ित पर समझौते का दबाव

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बोकारो, 10 जुलाई 2025।
बोकारो स्थित ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) में कार्यरत कर्मचारी विष्णु रेड्डी के साथ हुए मारपीट के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद अब तक आरोपी अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे पीड़ित पक्ष में नाराजगी और स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, ECL बोकारो परिसर में कुछ दिन पहले विष्णु रेड्डी के साथ वहां के कुछ अधिकारियों द्वारा कथित रूप से मारपीट की गई। मारपीट इतनी गंभीर थी कि विष्णु रेड्डी का पैर टूट गया और उनकी कमर में भी गंभीर चोटें आई हैं। वर्तमान में वे बोकारो मेडिकेंट अस्पताल में भर्ती हैं और लगातार इलाजरत हैं।

प्राथमिकी तो दर्ज, पर कार्रवाई नहीं

हालांकि बोकारो पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी (FIR) तो दर्ज कर ली है, लेकिन अब तक आरोपी ECL अधिकारियों के खिलाफ कोई गिरफ्तारी या विभागीय कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस की निष्क्रियता और ECL प्रबंधन के दबाव के कारण न्याय की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

पीड़ित पर “समझौते” का दबाव

सबसे गंभीर आरोप यह है कि ECL के डिप्टी सीईओ रवीश शर्मा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी अब पीड़ित के पिता श्रीनिवास रेड्डी पर समझौते का दबाव बना रहे हैं। बुधवार को रवीश शर्मा और अन्य अधिकारी बोकारो मेडिकेंट अस्पताल पहुंचे और श्रीनिवास रेड्डी से व्यक्तिगत मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने उनसे कहा कि “मामले को आपसी समझौते से सुलझा लिया जाए।”

पीड़ित परिवार का आरोप

श्रीनिवास रेड्डी ने मीडिया को बताया—

“हम पर लगातार समझौता करने का दबाव डाला जा रहा है। मेरा बेटा अस्पताल में भर्ती है, चल-फिर नहीं पा रहा, उसकी तकलीफ के जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इसके बजाय हमें चुप कराने की कोशिश की जा रही है।”

जनप्रतिनिधियों और संगठनों की प्रतिक्रिया

स्थानीय सामाजिक संगठनों और कर्मचारी यूनियनों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और आरोपी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। कुछ संगठन ECL प्रबंधन और पुलिस की मिलीभगत की भी बात कर रहे हैं।

अब तक की स्थिति:

  • पीड़ित विष्णु रेड्डी अस्पताल में भर्ती
  • पैर में फ्रैक्चर, कमर में गंभीर चोट
  • पुलिस ने FIR दर्ज की, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं
  • ECL अधिकारी लगातार समझौते के लिए बना रहे दबाव
  • मामले पर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की नजर