रांची, 10 जुलाई 2025।
राजधानी रांची स्थित होटल रेडिसन ब्लू में आज पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) की 27वीं बैठक का शुभारंभ केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुआ। यह बैठक पूर्वी भारत के चार प्रमुख राज्यों—झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल—के आपसी समन्वय, विकास और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मसलों पर केंद्रित रही।
गर्मजोशी से हुआ गृहमंत्री का स्वागत
बैठक की शुरुआत में झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने गृहमंत्री श्री अमित शाह को अंगवस्त्र, एक पौधा और प्रतीक चिन्ह (मोमेंटो) भेंट कर उनका औपचारिक स्वागत किया। मौके पर झारखंड के वित्त मंत्री श्री राधाकृष्ण किशोर ने भी मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया।गृह मंत्री अमित शाह बुधवार रात करीब 10:30 बजे रांची पहुंचे, वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी करीब 15 दिन बाद दिल्ली से रांची लौटे और सीधे इस बैठक में शामिल हुए।
मंच पर एक साथ कई राज्य
मुख्य मंच पर गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी बैठे नजर आए। इसके अलावा बिहार सरकार के मंत्री श्री सम्राट चौधरी और श्री विजय कुमार चौधरी, ओडिशा सरकार की डिप्टी सीएम श्रीमती पार्वती परिदा, मंत्री मुकेश महालिंग और पश्चिम बंगाल की मंत्री श्रीमती चंद्रिमा भट्टाचार्य मंच की शोभा बढ़ा रहे थे।
झारखंड से 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल
झारखंड की ओर से इस महत्वपूर्ण बैठक में कुल 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया, जिसमें शामिल थे:
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
- वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर
- मंत्री दीपक बिरुआ
- मुख्य सचिव अलका तिवारी
- गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल
- राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता
सहित अन्य शीर्ष अधिकारी और पदाधिकारी।
बैठक की समय-सीमा और एजेंडे
बैठक का आयोजन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक निर्धारित था। इस दौरान कुल 68 प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। बैठक में कुल 20 महत्त्वपूर्ण एजेंडों पर विमर्श हुआ, जिनमें शामिल हैं:
- अंतर-राज्यीय सीमा विवादों का समाधान
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में समन्वित विकास
- कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा
- आधारभूत ढांचा (सड़क, रेल, ऊर्जा, स्वास्थ्य) का विस्तार
- जनजातीय अधिकार और कल्याण
- आपदा प्रबंधन व पर्यावरण संरक्षण
- स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की मजबूती
क्षेत्रीय सहयोग की नई दिशा
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की यह बैठक पूर्वी भारत के राज्यों के बीच सहयोग और संवाद को एक नई दिशा देने वाली साबित हो रही है। राज्यों द्वारा साझा समस्याओं के समाधान हेतु यह मंच न केवल संवाद का अवसर प्रदान करता है, बल्कि नीतिगत निर्णयों और क्रियान्वयन में भी समन्वय को बढ़ावा देता है।