सरायकेला, 22 जुलाई 2025।
नगर परिषद क्षेत्र के हज़ारों लोग बीते दो वर्षों से पेयजल संकट की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक चंपई सोरेन के प्रतिनिधि सनद आचार्य को स्वयं मोर्चा संभालना पड़ा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर समस्या के समाधान की मांग की, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दे दी।
अनशन की सूचना के बाद उपायुक्त नितीश कुमार सिंह ने तत्काल हस्तक्षेप किया और सनद आचार्य से मुलाकात कर दो दिन का समय मांगा। उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि नगर परिषद क्षेत्र में जलापूर्ति की समस्या का समाधान शीघ्र किया जाएगा।
सनद आचार्य ने डीसी से बातचीत के दौरान सवाल उठाया—
“जब ₹25 करोड़ की लागत से जलापूर्ति योजना बनाई गई थी, तो मात्र चार वर्षों में यह योजना फेल कैसे हो गई?”
उन्होंने यह भी बताया कि योजना के रखरखाव के लिए हर माह ₹6 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं, इसके बावजूद नगरवासी दो साल से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए इसे जनहित से जुड़ा गंभीर मुद्दा बताया। डीसी ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों से त्वरित बातचीत कर अगले दो दिनों के भीतर जलापूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया है।
स्थानीय नागरिकों ने सनद आचार्य के प्रयासों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि अब इस लंबे चले आ रहे जल संकट का समाधान जल्द होगा।
