Jamshedpur : टाटा स्टील ज़ूलॉजिकल सोसाइटी (TSZS) ने डॉ. एम. पलित को उनकी 31 वर्षों की समर्पित सेवाओं के उपलक्ष्य में भावभीनी विदाई दी। उन्होंने इस लंबे समय में चिड़ियाघर और उसके जीव-जंतुओं के कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
विदाई समारोह में श्री रघुनाथ पांडेय (अध्यक्ष, TSZS वर्कर्स यूनियन), कैप्टन अमिताभ (माननीय सचिव), श्री विकास कुमार (सदस्य, HR), श्री राहुल कुमार और डॉ. नैम अख्तर उपस्थित थे।
समारोह में बोलते हुए श्री पांडेय ने डॉ. पलित के जानवरों के कल्याण और चिड़ियाघर के विकास में अटूट योगदान की सराहना की। कैप्टन अमिताभ ने उनके सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व, कर्मचारियों और जानवरों के प्रति गहरी चिंता और आत्मविश्वास जगाने की क्षमता की तारीफ की। डॉ. नैम अख्तर ने उनके टीम भावना और रोजमर्रा के प्रबंधन में निरंतर समर्थन को याद किया, जिसने चिड़ियाघर की संचालन प्रक्रिया को सुचारु बनाया। साथियों जैसे सुसेन महतो, आर्चित और डॉ. एम. कुमार ने उनके मार्गदर्शन में काम करने के अनुभव साझा किए।
अपने विदाई संबोधन में डॉ. पलित ने 16 मई 1994 से अपने चिड़ियाघर यात्रा का वर्णन करते हुए इसे “चुनौतियों, सीख और अविस्मरणीय अनुभवों से भरी एक तीर्थयात्रा” बताया। उन्होंने 2010 में रंजन नामक मगरमच्छ के बचाव जैसी यादगार घटनाओं को विशेष रूप से याद किया।
डॉ. पलित ने अपने मेंटर्स, सहयोगियों, पशु चिकित्सकों और सपोर्ट स्टाफ के साथ-साथ TSZS प्रबंधन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा चिड़ियाघर में आने वाले बच्चों की आंखों में चमक हमेशा मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रही है। मेरा मानना है कि हमारा काम केवल देखभाल और उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को प्रकृति और वन्यजीवन से प्रेम और सम्मान करना सिखाना भी है।”
उन्होंने अपने परिवार का भी धन्यवाद किया और कहा कि उनका समर्थन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत रही। डॉ. पलित ने अंत में संदेश दिया आशा है कि भविष्य की पीढ़ियां चिड़ियाघर को संरक्षण, देखभाल और सहानुभूति का प्रतीक मानें, और इसकी भावना उन सभी को प्रेरित करती रहे जो इसके द्वार से गुजरते हैं।
समारोह उनके नए जीवन यात्रा के लिए शुभकामनाओं और चिड़ियाघर में उनके अमूल्य योगदान और स्थायी विरासत को सम्मानित करते हुए संपन्न हुआ।
