Jamshedpur :नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, जमशेदपुर के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड आईटी के तत्वावधान में साइबर पीस अवेयरनेस सेमिनार का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन जमशेदपुर पुलिस और Cyber Peace Corps के सहयोग से संपन्न हुआ।
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में साइबर सुरक्षा, डिजिटल अनुशासन और साइबर अपराधों से बचाव की चेतना विकसित करना था। तकनीक के इस युग में डिजिटल दुनिया में सतर्कता और जागरूकता अब किसी विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता बन चुकी है।
विशेषज्ञ वक्ताओं ने साझा किए अनुभव और समाधान
कार्यक्रम में तीन प्रमुख वक्ताओं ने अपनी विशेषज्ञता साझा की:
नविता प्रसाद – साइबर जागरूकता की प्रमुख अधिवक्ता
नविता प्रसाद ने उद्घाटन भाषण में साइबर हाइजीन और डिजिटल व्यवहार की गंभीरता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि Cyber Peace Corps का लक्ष्य भारत को सुरक्षित डिजिटल राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है।
श्रीनीवास कुमार – प्रभारी, साइबर थाना
श्री कुमार ने पुलिस विभाग की सक्रियता और चुनौतियों को उजागर किया। उन्होंने विद्यार्थियों को साइबर अपराधों के उदाहरणों के माध्यम से जागरूक किया और बताया कि आम नागरिकों का सहयोग अपराध रोकने में कैसे निर्णायक हो सकता है।
तारक दास – राज्य समन्वयक, Cyber Peace Corps
तारक दास ने साइबर एथिक्स और मानसिक स्वास्थ्य पर साइबर अपराधों के प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनें और किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें।
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विद्यार्थियों में दिखा गजब का उत्साह
सेमिनार के अंतिम चरण में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। सवाल-जवाब के माध्यम से छात्रों की शंकाओं का समाधान किया गया और उन्हें डिजिटल सुरक्षा के वास्तविक परिप्रेक्ष्य से अवगत कराया गया।
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तकनीक के युग में साइबर जागरूकता एक अनिवार्य जिम्मेदारी
यह आयोजन सिर्फ एक शैक्षणिक सेमिनार नहीं, बल्कि एक जागरूकता अभियान भी था, जो भविष्य के डिजिटल भारत की नींव मजबूत करता है। नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय द्वारा किया गया यह प्रयास साइबर जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हुआ।
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