GST विभाग ने मांगा UPI पेमेंट डेटा
New Delhi: बिना GST लाइसेंस के कारोबार करने वालों पर सरकार की सख्ती बढ़ रही है। GST विभाग ने अब UPI से भुगतान लेने वाले व्यापारियों का डेटा मांगा है, जिससे उन लोगों की पहचान हो सके जो तय सीमा से अधिक कारोबार कर रहे हैं, लेकिन GST रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है।
किन कारोबारियों पर होगी कार्रवाई?
GST विभाग ने UPI पेमेंट लेने वाले कारोबारियों को दो श्रेणियों में बांटा है:
1. सेवा क्षेत्र (Service Sector) – सालाना ₹20 लाख से अधिक आय वाले।
2. माल और उत्पाद आपूर्ति (Goods & Supply) – सालाना ₹40 लाख से अधिक कारोबार करने वाले।
अगर किसी व्यापारी का टर्नओवर इस सीमा से ज्यादा है और उसने GST रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो उसे नोटिस भेजकर 18% पेनल्टी और ब्याज सहित टैक्स वसूला जाएगा।
GST विभाग टैक्स चोरी के रूप में देख रहा है मामला
UPI के जरिए डिजिटल पेमेंट लेने वाले कई कारोबारी बिना GST रजिस्ट्रेशन के लाखों का कारोबार कर रहे हैं। पहले इनका पता लगाना मुश्किल था, क्योंकि वे कैश ट्रांजैक्शन नहीं करते थे और अलग-अलग बैंक खातों में पैसे मंगाते थे। लेकिन अब UPI पेमेंट डेटा के जरिए सरकार को उनका पूरा लेखा-जोखा मिल रहा है।
किन सेक्टर्स के व्यापारी निशाने पर?
GST विभाग के अनुसार, कई गेस्ट हाउस, ट्रैवल एजेंसियां, ब्यूटी पार्लर, मिठाई दुकानें, किराना स्टोर, रियल एस्टेट व्यवसाय, विवाह भवन और रेस्टोरेंट बिना GST लाइसेंस के चल रहे हैं। अब विभाग इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है।
हजारों कारोबारियों को मिल रहे हैं नोटिस
पिछले महीने UPI पेमेंट डेटा के आधार पर उत्तर प्रदेश में हजारों कारोबारियों को नोटिस भेजा गया था। अब इस प्रक्रिया को देशभर में लागू किया जा रहा है।
GST नियम: 40 लाख से अधिक टर्नओवर पर लाइसेंस जरूरी
GST कानून के अनुसार:
सेवा क्षेत्र (Service Sector) – ₹20 लाख तक का कारोबार बिना GST लाइसेंस किया जा सकता है।
माल और उत्पाद आपूर्ति (Goods & Supply) – ₹40 लाख तक कारोबार करने पर GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है।
अगर कोई व्यापारी इस सीमा से ज्यादा कारोबार करता है और फिर भी GST रजिस्ट्रेशन नहीं कराता, तो उसे नोटिस और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।