New Delhi : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अगले महीने नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो रहा है और वह फिलहाल केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व भी संभाल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी होते ही नया अध्यक्ष चुनने की औपचारिकता पूरी की जाएगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में बड़े नाम
बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कई दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में हैं। इनमें प्रमुख रूप से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान और मनोहर लाल खट्टर शामिल हैं। इसके अलावा, बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े का नाम भी सुर्खियों में है। इन सभी नेताओं की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से नजदीकी मानी जाती है, जो बीजेपी संगठन में एक महत्वपूर्ण पहलू है।
कब होगी घोषणा?
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम आधे राज्यों में अध्यक्ष का चुनाव पूरा होना जरूरी है। अब तक 12 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष चुने जा चुके हैं, जबकि मार्च में 6 और राज्यों में चुनाव होने हैं। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू होगी। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि 20 मार्च तक बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल सकता है।
जेपी नड्डा के बाद कौन?
जेपी नड्डा को 2020 में बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था। उनके कार्यकाल में पार्टी ने कई महत्वपूर्ण चुनाव लड़े, जिनमें 2019 के लोकसभा चुनाव की जीत को बरकरार रखना और राज्यों में संगठन को मजबूत करना शामिल था। हालांकि, अब पार्टी नए चेहरे के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटना चाहती है।
अब तक कौन-कौन रह चुके हैं बीजेपी अध्यक्ष?
बीजेपी के इतिहास में अब तक कई दिग्गज नेताओं ने अध्यक्ष पद संभाला है। इनमें अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और अमित शाह जैसे नाम शामिल हैं।

बीजेपी अध्यक्ष बनने की शर्तें
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति बन सकता है, जो कम से कम 15 साल से पार्टी का सक्रिय सदस्य हो। इसके अलावा, संगठन में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण होनी चाहिए और उसे पार्टी के चुनावी रणनीति व संगठनात्मक मामलों का गहरा अनुभव होना चाहिए।
अगले अध्यक्ष से उम्मीदें
बीजेपी का अगला अध्यक्ष पार्टी को 2024 के आम चुनाव और आगामी राज्य विधानसभा चुनावों की रणनीति में अहम भूमिका निभाएगा। पार्टी के लिए यह नियुक्ति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उसे कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की ‘INDIA’ गठबंधन की चुनौती का सामना करना है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किस नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपती है। क्या यह चेहरा किसी अनुभवी नेता का होगा, या पार्टी नए नेतृत्व के साथ आगे बढ़ेगी? इसका जवाब अगले महीने मिल सकता है।