Ranchi :रांची में भाजपा नेता अनिल टाइगर की दिनदहाड़े हत्या के बाद पूरे राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस हत्या के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार, 27 मार्च को रांची बंद बुलाया है।
अनिल टाइगर भाजपा रांची ग्रामीण के जिला महामंत्री और पूर्व जिला परिषद सदस्य थे। बुधवार को अपराधियों ने कांके चौक पर सरेआम गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। इस निर्मम हत्या से भाजपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश है।
भाजपा का सरकार पर बड़ा हमला
हत्या की खबर मिलते ही भाजपा के शीर्ष नेता रिम्स (RIMS) पहुंचे और राज्य में गिरती कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरते हुए कहा—
> “झारखंड में अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। विधि-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।”
उन्होंने अनिल टाइगर को “पार्टी के एक कर्मठ नेता” बताते हुए उनकी हत्या को भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया।
मरांडी का आरोप है कि “पिछले 5 वर्षों से भाजपा कार्यकर्ता लगातार अपराधियों के निशाने पर हैं।”
भाजपा नेताओं ने परिवार को बंधाया ढांढस
भाजपा के शीर्ष नेता, जिनमें संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, और पूर्व विधायक समरी लाल शामिल हैं, रिम्स पहुंचे और अनिल टाइगर के परिजनों को सांत्वना दी।
पुलिस जांच में क्या निकला?
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अपराधियों की तलाश जारी है। प्रारंभिक जांच में व्यक्तिगत दुश्मनी और राजनीतिक रंजिश की आशंका जताई जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।
रांची बंद का क्या असर होगा?
भाजपा ने दावा किया है कि रांची बंद पूरी तरह सफल रहेगा। पार्टी कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की गई है और आम जनता से भी सहयोग मांगा गया है।
बंद का असर—
✔ बाजार और व्यापार ठप रह सकते हैं
✔ यातायात पर असर पड़ सकता है
✔ शैक्षणिक संस्थानों पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना
क्या झारखंड में अपराध बेलगाम हो चुका है?
अनिल टाइगर की हत्या झारखंड में बढ़ते अपराध और गिरती कानून व्यवस्था की एक और कड़ी साबित हुई है। भाजपा का यह विरोध कितना असरदार साबित होगा और सरकार इस पर क्या कदम उठाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
