Jamshedpur : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ और लोकप्रिय सांसद श्री बिद्युत बरण महतो को आगामी “संसद रत्न पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें संसदीय लोकतंत्र में निरंतर और प्रभावशाली योगदान के लिए प्रदान किया जा रहा है। यह पुरस्कार उन्हें जुलाई 2025 के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली में आयोजित 15वें संसद रत्न पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा। इस आशय की जानकारी आज एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।

पुरस्कार की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद बिद्युत बरण महतो ने इसे जमशेदपुर की जनता की जीत बताया और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला तथा अपने संसदीय क्षेत्र की जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार मेरे लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। यह लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारियों की पुष्टि भी है। मैं इसे अपने क्षेत्र की जनता को समर्पित करता हूँ।”

श्री महतो को इससे पहले भी 16वीं और 17वीं लोकसभा में संसद रत्न पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। वे संसद में अपनी उपस्थिति, प्रभावशाली बहसों और जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने शिक्षा, रोजगार, रेलवे, कृषि, सिंचाई, खनन, सड़क, हाईवे, एयरपोर्ट, स्वर्णरेखा परियोजना और झारखंड सहित जमशेदपुर से जुड़े विकास मुद्दों को लगातार संसद में जोर-शोर से उठाया है।

संसद रत्न पुरस्कार की स्थापना 2010 में प्राइम पॉइंट फाउंडेशन और ई-मैगजीन ‘प्रीसेंस’ द्वारा भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सुझाव पर की गई थी। डॉ. कलाम ने ही चेन्नई में आयोजित पहले समारोह का उद्घाटन किया था। अब तक 14 संस्करणों में कुल 125 पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं। यह पुरस्कार देश के नागरिक समाज की ओर से उन सांसदों को दिया जाता है जो जवाबदेही, कार्यकुशलता और सक्रियता के प्रतीक होते हैं। नामांकन प्रक्रिया राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर की अध्यक्षता वाली जूरी समिति द्वारा की जाती है। चयन पूरी तरह लोकसभा, राज्यसभा सचिवालय और PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च के आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित होता है।

इस वर्ष कुल 17 सांसदों और 2 संसदीय स्थायी समितियों को नामांकित किया गया है, जिनमें से 4 को ‘विशेष उत्कृष्टता’ के तहत विशेष पुरस्कार दिया जाएगा। झारखंड से देवघर सांसद निशिकांत दूबे को भी इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार न केवल बिद्युत बरण महतो की संसदीय प्रतिबद्धता की पहचान है, बल्कि यह उन सभी जनप्रतिनिधियों के लिए भी प्रेरणास्रोत है, जो भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।