बड़ौदा घाट पर सफाई व्यवस्था बुरी तरह विफल — बदबू, कचरा और जाम नालियाँ बनीं श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत

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जमशेदपुर, 12 जुलाई 2025:
पवित्र और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बड़ौदा घाट आज गंदगी, दुर्गंध और असुविधा का प्रतीक बन चुका है। राष्ट्र चेतना, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर ने इसे जन-स्वास्थ्य और धार्मिक आस्था के लिए गंभीर खतरा बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

01 मार्च 2025 को सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए नए संवेदकों की नियुक्ति, कर्मचारियों की तैनाती और व्हाट्सएप शिकायत प्रणाली की शुरुआत की गई थी। लेकिन जमीन पर हालात जस के तस बने हुए हैं—घाट की सीढ़ियाँ कचरे से अटी पड़ी हैं, नालियाँ जाम हैं और बदबूदार पानी से पूरा इलाका प्रभावित है।

परिषद की मुख्य मांगें:

नालियों की संपूर्ण सफाई तत्काल कराई जाए

घाट सीढ़ियों की नियमित सफाई (सुबह-शाम) की स्थायी व्यवस्था

कचरा पात्र, सार्वजनिक शौचालय व पानी निकासी पाइप का निर्माण

मौजूदा व्हाट्सएप शिकायत तंत्र को बदलकर स्थानीय हेल्पडेस्क स्लिप प्रणाली लागू की जाए

निगरानी के लिए नियमित मौज़मी दौरे और प्रभाव मूल्यांकन

स्थानीय स्वयंसेवकों और संस्थाओं को घाट स्वच्छता अभियान में जोड़ा जाए
परिषद ने नगर निगम व जल निकासी विभाग को 10 दिनों के भीतर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। अन्यथा परिषद कानूनी व प्रशासनिक कदम उठाने को मजबूर होगी।
जनहित अपील:
घाट की सफाई सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी नहीं, समाज की भी है। हर नागरिक, हर संस्था इसमें भागीदार बने।”

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