झारखंड में बांग्ला भाषा को प्राथमिक मातृभाषा का दर्जा देने की मांग तेज
Jamshedpur :झारखंड में बांग्ला भाषा को पहली मातृभाषा के रूप में मान्यता देने और स्कूलों में इसके लिए उचित व्यवस्था करने की मांग को लेकर आमरा बंगाली संस्था ने साकची आमबगान से डीसी ऑफिस तक विशाल रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
स्कूलों में बांग्ला किताबें और शिक्षकों की कमी पर जताई नाराजगी
प्रदर्शन के दौरान संस्था की सदस्य रेखा महतो ने बताया कि झारखंड में कई बांग्ला स्कूल हैं, लेकिन वहां न तो किताबें उपलब्ध हैं और न ही शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के मेमोरेंडम में भी बांग्ला भाषा को राज्य की मातृभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है, फिर भी इसे उचित महत्व नहीं दिया जा रहा है।
साइन बोर्ड और सरकारी नौकरियों में बांग्ला भाषा को मिले स्थान
रेखा महतो ने अपनी मांग की झारखंड में जहां भी सरकारी साइन बोर्ड लगाए जाएं, वहां हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ बांग्ला भाषा में भी शब्द लिखे जाएं। इसके अलावा, स्थानीय नीति को सख्ती से लागू करने पर भी जोर दिया गया ताकि राज्य के मूल निवासियों को रोजगार में प्राथमिकता मिल सके। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी लोगों को नौकरियां मिल रही हैं, जबकि स्थानीय लोग बेरोजगार रह जाते हैं।
आमरा बंगाली संस्था ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से अपील की कि झारखंड में भाषाई और रोजगार अधिकारों को सुनिश्चित किया जाए ताकि सभी समुदायों को न्याय मिल सके।