बी.ए. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एवं राजेंद्र विद्यालय, घुटिया में संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन, योग गुरु राजेंद्र देव जी ने कराया अभ्यास

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जमशेदपुर, 21 जून 2025 — अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बी.ए. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एवं राजेंद्र विद्यालय, घुटिया के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज और विद्यालय के सभी शिक्षकगण, विद्यार्थियों तथा योगप्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।कार्यक्रम का उद्देश्य केवल योगाभ्यास तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से सभी को योग की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उपयोगिता से अवगत कराना था।

मुख्य अतिथि का स्वागत:

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योग गुरु श्री राजेंद्र देव जी रहे, जो अपने गहन योगज्ञान और सरल शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में उनका भव्य स्वागत किया गया।
राजेंद्र विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती खुशबू ठाकुर ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया, जबकि कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय कुमार रॉयने उन्हें शाल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

योग सत्र और संदेश:

योग गुरु श्री राजेंद्र देव जी ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को योग की महत्ता, परंपरा और वैज्ञानिक पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा:
योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह जीवन को संतुलित, अनुशासित और सकारात्मक बनाने की कला है।
इसके पश्चात उन्होंने विभिन्न योगासनों जैसे ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, वज्रासन, और शवासन के साथ-साथ प्राणायाम — कपालभाति, अनुलोम-विलोम एवं भ्रामरी का भी अभ्यास करवाया।

कार्यक्रम संचालन और समापन:

कार्यक्रम का संचालन कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. अंकिता साहू ने बड़ी कुशलता से किया। उन्होंने कार्यक्रम के हर चरण को संयोजित करते हुए योग दिवस की भावना को जीवंत बनाए रखा।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती रुबीना खातून, शिक्षिका, राजेंद्र विद्यालय ने किया। उन्होंने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

विद्यार्थियों में उत्साह:

विद्यालय और कॉलेज के छात्रों ने पूरे समर्पण और अनुशासन के साथ योगाभ्यास किया। योग सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने न केवल आसनों को सीखा, बल्कि उनके पीछे की दर्शनशास्त्र और लाभ को भी समझा। यह आयोजन शिक्षण संस्थानों के लिए एक प्रेरणादायक पहल सिद्ध हुआ।