बीएसीईटी में एनआईटी प्रोफेसरों की टीम ने किया शैक्षणिक ऑडिट, शोध और प्रयोगशालाओं के उन्नयन पर विशेष जोर

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जमशेदपुर, 23 जुलाई 2025:
बीए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (BACET), जमशेदपुर में शैक्षणिक गुणवत्ता और अधोसंरचना को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), जमशेदपुर के वरिष्ठ प्रोफेसरों की एक टीम ने बीएसीईटी का व्यापक शैक्षणिक ऑडिट किया। इस पहल का उद्देश्य संस्थान की शिक्षण प्रणाली, प्रयोगशालाओं और अनुसंधान गतिविधियों का गहन मूल्यांकन कर उसे और बेहतर बनाना था।

🔍 ऑडिट टीम और समन्वय:

ऑडिट टीम में एनआईटी जमशेदपुर से शामिल थे:

  • डॉ. कुणाल सिंह (ECE विभाग)
  • डॉ. सतीश कुमार (मैकेनिकल विभाग)
  • डॉ. हरिओम गुप्ता (EEE विभाग)

यह पूरी प्रक्रिया बीएसीईटी के अध्यक्ष डॉ. एस. के. सिंह के नेतृत्व और समन्वय में संपन्न हुई।

ऑडिट की प्रमुख बातें:

टीम ने संस्थान के पाठ्यक्रम संचालन, शिक्षण विधियों, प्रयोगशाला सुविधाओं और संकाय के अकादमिक योगदान का गहराई से निरीक्षण किया।

ऑडिट निष्कर्ष:

  • झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, रांची द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार बीएसीईटी का शिक्षण स्तर संतोषजनक पाया गया।
  • हालांकि, प्रोफेसरों ने सुझाव दिया कि शिक्षण को अधिक संवादात्मक, व्यावहारिक और आकर्षक बनाया जाना चाहिए ताकि छात्रों की रुचि बढ़े और कॉलेज में प्रवेश दर में सुधार हो सके।

प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण और अनुसंधान पर बल:

ऑडिट टीम ने संस्थान की प्रयोगशालाओं का निरीक्षण करते हुए उनमें आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि अत्याधुनिक सुविधाएं न केवल छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाएंगी, बल्कि उन्हें उद्योग जगत की चुनौतियों के लिए तैयार भी करेंगी।साथ ही, अनुसंधान संस्कृति को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया गया। टीम ने कहा कि संस्थान के संकायों को अधिक रिसर्च पेपर प्रकाशित करने, सेमिनार और कार्यशालाओं में सक्रिय भागीदारी करने की आवश्यकता है।

प्रशासन की उपस्थिति और सहभागिता:

ऑडिट के दौरान बीएसीईटी के प्राचार्य डॉ. एस. के. रॉय, सभी विभागों के प्रमुख और संकाय सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने टीम के साथ खुले मन से संवाद कर सुझावों पर चर्चा की।

उम्मीदें और भविष्य की दिशा:

इस शैक्षणिक ऑडिट के माध्यम से बीएसीईटी में शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध कार्यों और प्रयोगात्मक अधिगम में नए आयाम जुड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। यह पहल संस्थान को एक प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षण केंद्र के रूप में आगे बढ़ने की दिशा में मजबूत आधार प्रदान करेगी।