जमशेदपुर : तकनीकी क्रांति के इस युग में जब सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट निरंतर नए आयाम स्थापित कर रहा है, ऐसे में युवाओं को इस क्षेत्र से जोड़ने और उन्हें आधुनिक तकनीकों से अवगत कराने हेतु नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में दिनांक 22 अप्रैल से 24 अप्रैल तक तीन दिवसीय “सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लाइफ साइकिल (SDLC)” वर्कशॉप का आयोजन बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ किया गया।
इस वर्कशॉप का आयोजन वेंचरिंग डिजिटली प्राइवेट लिमिटेड के तत्वावधान में किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के बीसीए, बीटेक तथा एमसीए विभाग के छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को सॉफ्टवेयर विकास की जटिल प्रक्रिया, उसके विभिन्न चरणों एवं मॉडलों के साथ-साथ तकनीकी क्षेत्र में करियर की संभावनाओं से परिचित कराना था। कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं अतिथियों ने भाग लिया। इसके उपरांत विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना नृत्य ने समारोह को सांस्कृतिक रंग प्रदान किया।

मुख्य अतिथि के रूप में वेंचरिंग डिजिटली प्रा. लि. के सह-संस्थापक एवं सीएमओ श्री निखिल शर्मा उपस्थित रहे। उनके साथ मंच पर फुल स्टैक डेवलपर रविश कुमार, डेटा विश्लेषक बिपुल हालदार, डेवओप्स इंजीनियर रजत कुमार तथा प्रशिक्षण समन्वयक मोनाली मोहंती भी मौजूद रहे। इन सभी अतिथियों को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया। श्री निखिल शर्मा ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा, “तकनीकी उन्नति हमारे देश एवं समूचे विश्व के विकास का आधार स्तंभ बन चुकी है। ऐसे प्रशिक्षण युवाओं को न केवल उद्योग के अनुकूल बनाते हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाते हैं।”
वर्कशॉप के दौरान छात्रों को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लाइफ साइकिल के सात प्रमुख चरणों – आवश्यकता संकलन, प्रणाली डिजाइन, कार्यान्वयन, परीक्षण, परिनियोजन, रख-रखाव एवं समीक्षा – के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके अतिरिक्त, वाटरफॉल, एजाइल, स्पाइरल तथा वी-शेप्ड जैसे चार प्रमुख मॉडल्स पर भी व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. पी. के. पाणि ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “इस प्रकार की कार्यशालाएं विद्यार्थियों को न केवल ज्ञान देती हैं, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास एवं तकनीकी कौशल का भी विकास करती हैं।”
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. डॉ. आचार्य ऋषि रंजन, कुलसचिव श्री नागेंद्र सिंह, प्रशासनिक विभाग के अनुष्ठाता नाजिम खान, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. दिलीप शोम, आईटी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. रंजन मिश्रा तथा अन्य विभागों के प्रमुख एवं संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया। तीन दिनों तक चले इस ज्ञानवर्धक आयोजन ने छात्रों को तकनीकी दुनिया की जमीनी सच्चाइयों से अवगत कराया और भविष्य में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में सफलता के मार्ग को स्पष्ट किया। विश्वविद्यालय प्रशासन और आयोजन टीम इस सफल आयोजन के लिए बधाई के पात्र हैं।