Jamshedpur: झारखंड विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति के चेयरमैन और जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बोकारो जिले के बेरमो अनुमंडल में चल रहे कोयले के अवैध कारोबार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सरयू राय ने लिखा है कि बेरमो अनुमंडल के कई थाना क्षेत्रों — पेंक नारायणपुर, नावाडीह, दुग्धा, पेटरवार, बोकारो थर्मल, कथारा और तेनुघाट ओपी — में कोयले की चोरी और तस्करी खुलेआम जारी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस और सीसीएल अधिकारियों को जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, जिससे अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं।
राय के अनुसार, इस धंधे में रामगढ़, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, रांची और बोकारो के संगठित माफिया शामिल हैं, जो पुलिस अधिकारियों को हटाने तक की धमकी देते हैं। उन्होंने कहा कि “कोयला तस्करी में लगे इन गिरोहों में पुलिस-प्रशासन का कोई खौफ नहीं दिखता।”
पर्यावरण नियमों की खुलेआम धज्जियां
सरयू राय ने पत्र में लिखा है कि अवैध कोल फैक्ट्रियां पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की घोर अवहेलना कर रही हैं।
उन्होंने सूचीबद्ध किया:
नावाडीह की चिरुडीह स्थित रूबी कोल फैक्ट्री
पेंक नारायणपुर की पिलपिलो स्थित जगदंबा कोल फैक्ट्री (रामा हरिया)
पेटरवार की पिछरी स्थित निषाद कोल फैक्ट्री
गिरिडीह (निमियाघाट) की पोरदाग और खाकी स्थित फैक्ट्रियां
राय ने बताया कि इन फैक्ट्रियों में रात 7 बजे से सुबह 4 बजे तक चोरी का कोयला ट्रैक्टर, वैन और बाइकों से पहुँचाया जाता है, जबकि दिनभर भी बाइकों से ढुलाई जारी रहती है।
उन्होंने यह भी कहा कि इन फैक्ट्रियों में खुले आसमान के नीचे कोयले का पोड़ा (भट्ठीकरण) किया जा रहा है, जिससे आसपास के ग्रामीण कार्बन मोनोऑक्साइड प्रदूषण से गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
सीसीएल खदानों से हो रही है चोरी
सरयू राय के अनुसार, कोयले की चोरी सीसीएल के बी एंड के, कथारा, ढोरी एरिया और बंद खदानों — तापानी, चरकपनिया, पिलपिलो, जारंगडीह, कथारा कोलियरी, कुसुमडीह और कारो स्पेशल फेज-2 — से की जा रही है।
सोशल मीडिया रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने बताया कि कोयले के परिवहन की दरें तय हैं:
मोटरसाइकिल: ₹3,000 प्रति माह
वैन: ₹50,000 से ₹60,000 प्रति माह
ट्रैक्टर: ₹1,000 प्रति ट्रिप
राय ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस संगठित अवैध नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि “बेरमो की काली अर्थव्यवस्था पर लगाम लग सके”।
