झामुमो का ‘जीत संकल्प सम्मेलन’ बना संगठन की शक्ति का प्रदर्शन

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Ghatshila: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे झारखंड की सियासत का पारा चढ़ता जा रहा है। शनिवार को घाटशिला के नेताजी सुभाष टाउन हॉल में आयोजित झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का विधानसभा स्तरीय चुनाव प्रशिक्षण शिविर न सिर्फ एक संगठनात्मक कार्यक्रम था, बल्कि महागठबंधन की एकजुटता और राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का भी स्पष्ट संकेत बन गया।

कार्यक्रम में मंच साझा करते हुए राज्य के दो वरिष्ठ मंत्री — परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ और उच्च शिक्षा, पर्यटन एवं तकनीकी मंत्री सुदीब्य कुमार सोनू — ने स्पष्ट संदेश दिया:

“मजबूत कार्यकर्ता ही मजबूत बूथ का आधार है, और मजबूत बूथ ही जीत की गारंटी।”

राजनीतिक धार और जनसंपर्क की नई दिशा

सम्मेलन का स्वरूप पारंपरिक राजनीतिक सभा से अलग था — यहां रणनीति, अनुशासन और कार्यकर्ता प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया गया।
पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू ने कहा,
“कार्यकर्ता संगठन के बॉर्डर पर तैनात सिपाही हैं। उनकी निष्ठा और मेहनत ही जीत का असली हथियार है।”

कुणाल षडंगी का प्रखर भाषण — ‘झूठ और छल के खिलाफ लड़ाई’
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षडंगी का संबोधन दिन का सबसे तीखा और प्रभावशाली रहा। उन्होंने स्व. गुरुजी शिबू सोरेन और स्व. रामदास सोरेन को नमन करते हुए कहा कि घाटशिला की जनता की भावनाओं से खेलना अस्मिता का अपमान है।
चंपई सोरेन पर निशाना साधते हुए उन्होंने सवाल उठाया —
“जो अपने राजनीतिक साथी से उनके अंतिम क्षणों में मिलने तक नहीं गए, वे झारखंड की अस्मिता की बात किस मुंह से करते हैं?”

सभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी जब षडंगी ने कहा —
“जिस पार्टी ने चंपई जी को सम्मान दिया जब वे उस पार्टी के नहीं थे, वो जनता के अपने कैसे हो सकते हैं?”

महिलाओं, युवाओं और आदिवासी समाज पर फोकस

पश्चिमी सिंहभूम की सांसद श्रीमती जोबा मांझी ने महिलाओं और आदिवासी समाज की भागीदारी पर बल देते हुए कहा,

“आज की लड़ाई झूठ और छल के खिलाफ है। यह उपचुनाव स्व. रामदास सोरेन की सोच और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विकास कार्यों पर जनमत का अवसर है।”


वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री सुदीब्य सोनू ने युवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा —

“यह उपचुनाव आने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेगा। हर कार्यकर्ता को गांव-गांव जाकर योजनाओं का प्रचार करना होगा।”

भावनात्मक क्षण — “बाबा का सपना पूरा करूंगा”

कार्यक्रम का सबसे भावनात्मक क्षण तब आया जब स्व. रामदास सोरेन के पुत्र ने मंच से कहा —

“घाटशिला को एजुकेशन हब बनाना मेरे बाबा का सपना था, और उसे मैं पूरा करूंगा।”
इस वक्तव्य ने सभागार में मौजूद सभी कार्यकर्ताओं की आंखें नम कर दीं।

संगठन की शक्ति और जीत का विश्वास

दोनों मंत्रियों ने कहा कि अबकी बार घाटशिला की जनता सिर्फ एक विधायक नहीं, बल्कि एक मंत्री चुनने जा रही है।
कार्यक्रम का समापन स्व. दिसोम गुरु शिबू सोरेन और स्व. रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित कर किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन जिला संयोजक बाघराय मार्डी ने किया।

महागठबंधन का संदेश स्पष्ट —

“संगठन ही शक्ति, कार्यकर्ता ही आधार। घाटशिला की जीत झारखंड की अस्मिता की जीत होगी।”

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