बरहरवा: टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर साहिबगंज ने मंगलवार को एक नई मिसाल कायम की है। जहां जिलेभर में ‘निक्षय मित्र दिवस’ को केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि मानवता के उत्सव के रूप में मनाया गया। वही बरहरवा प्रखंड के सीआई उमेश मंडल ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए पांच टीबी मरीजों को गोद लिया और उन्हें पोषण कीट प्रदान किया। इस पहल ने मरीजों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी।
इसी क्रम में पतना प्रखंड की महिला पर्यवेक्षक मीना हांसदा और साहिबगंज सदर के पृथ्वीराज ने भी मरीजों को गोद लेकर पोषण सहयोग दिया।
दवा, पोषण और हौसला तीनों का मिला संबल
उधर कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीजों को संदेश दिया कि वे दवा समय पर लें, पौष्टिक भोजन अपनाएं, स्वच्छता का ध्यान रखें एवं स्वास्थ्य जांच में नियमित रहें।
प्रेरणा बने अधिकारी
इस मौके पर एमओआईसी डॉ. पंकज कर्मकार, डॉ. रिशव देव, एसटीएस, टीबीएचवी, बीपीएम, जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर दिनेश कुमार, बीटीटी समेत कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे। वही मौके पर डॉ. पंकज कर्मकार ने कहा कि निक्षय मित्र दिवस हमें यह याद दिलाता है कि स्वास्थ्य केवल अस्पताल की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज का सामूहिक दायित्व है। वहीं पीपीएम कोऑर्डिनेटर दिनेश कुमार ने कहा कि जब कोई मरीज गोद लिया जाता है तो उसे सिर्फ पोषण नहीं मिलता बल्कि उसे यह भरोसा भी मिलता है कि समाज उसके साथ खड़ा है।”
समाज के नाम संदेश
उधर जिला स्वास्थ्य समिति ने नागरिकों, स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक संस्थाओं से आह्वान किया है कि वे आगे बढ़कर टीबी मरीजों के ‘निक्षय मित्र’ बनें, ताकि 2025 तक टीबी मुक्त भारत का संकल्प पूरा हो सके। वही साहिबगंज जिले में मनाया गया यह दिवस साबित करता है कि जब समाज और प्रशासन हाथ मिलाते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। वही यह आयोजन न सिर्फ मरीजों के जीवन में उम्मीद जगाता है, बल्कि पूरे जिले को यह प्रेरणा देता है कि साझा प्रयास से ही टीबी जैसी बीमारी पर विजय पाई जा सकती है।