जमशेदपुर में भूली-बिसरी परंपरा को संजोएगा “चतड़ा चौथ सिंधारा महोत्सव”

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मारवाड़ी समाज काशीडीह द्वारा भव्य आयोजन की तैयारी, युवाओं और नवविवाहित जोड़ों को समर्पित होगा यह उत्सव

जमशेदपुर। सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने और समाज के युवाओं को परंपरा से जोड़ने के उद्देश्य से मारवाड़ी समाज काशीडीह द्वारा भूले-बिसरे त्योहार “चतड़ा चौथ सिंधारा महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव 24 अगस्त 2025, रविवार, शाम 4 बजे से 7 बजे तक श्री सत्यनारायण मंदिर (श्री श्याम मंदिर), बिस्टुपुर में संपन्न होगा।

लुप्त होती परंपरा को मिलेगा नया जीवन

सामान्यतः मारवाड़ी समाज में सावन सिंधारा और गणगौर सिंधारा जैसे उत्सव तो बड़े पैमाने पर मनाए जाते हैं, लेकिन गणेश चतुर्थी के अवसर पर आयोजित होने वाला ‘चतड़ा चौथ सिंधारा’ अब लगभग लुप्त हो चुका है। यह त्योहार खास तौर पर कुँवारे युवाओं और नवविवाहित जोड़ोंसे जुड़ा रहा है।
इस बार आयोजित महोत्सव का मुख्य आकर्षण भी 8 से 25 वर्ष तक के युवाओं और नवविवाहित दंपतियों के लिए होगा।

परंपरा और आधुनिकता का संगम

आयोजन में कई रोचक एवं पारंपरिक कार्यक्रम होंगे जिनमें –

गुड़धानी और डंका खेल , एवं मनोरंजन गतिविधियाँ , संगीत, स्वादिष्ट जलपान इत्यादि शामिल रहेंगे। उपस्थित जनों को इन गतिविधियों के माध्यम से न केवल मनोरंजन मिलेगा बल्कि वे समाज की पुरानी परंपराओं से भी रूबरू होंगे।

    नारी शक्ति का नेतृत्व

    इस महोत्सव की सबसे खास बात यह है कि इसे नारी शक्ति के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है। आयोजक महिलाओं का कहना है कि पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं द्वारा पुरुषों से संबंधित सिंधारा महोत्सव आयोजित करना इस बात का प्रतीक है कि आज की महिला हालात से हार मानने वाली नहीं है, बल्कि गर्व से अपनी पहचान और परंपरा को संजोने वाली है।
    कार्यक्रम की संयोजिकाएँ – संगीता शर्मा, स्वाति अग्रवाल, राखी शर्मा और रश्मि अग्रवाल – ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य न केवल सांस्कृतिक विरासत को बचाना है बल्कि सामुदायिक एकता को भी और मजबूत बनाना है।

    समाज को आमंत्रण

    पूर्वी सिंहभूम ज़िला मारवाड़ी सम्मेलन के अंतर्गत मारवाड़ी समाज काशीडीह ने समाज के सभी वर्गों से सपरिवार उपस्थित होकर इस आयोजन को सफल बनाने की अपील की है। आयोजकों ने कहा कि यह महोत्सव परंपरा, उत्सव और उमंग का अद्भुत संगम होगा।