जमनिया चाल धंसान मामला: सरयू राय बोले- यह सिर्फ हादसा नहीं, लोगों को जमीन में जिंदा गाड़ने का प्रयास, मॉनसून सत्र में उठाएंगे मुद्दा, पीएम-गृहमंत्री से भी करेंगे मुलाकात

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धनबाद/जमशेदपुर।
धनबाद जिले के बाघमारा क्षेत्र के जमनिया में हुई चाल धंसान की घटना को लेकर झारखंड की सियासत गरमा गई है। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने इसे साधारण दुर्घटना नहीं बल्कि मानव जीवन के साथ की गई गंभीर आपराधिक साजिश करार दिया है। उन्होंने इसे “जमीन में जिंदा गाड़ देने” जैसा अमानवीय कृत्य बताते हुए झारखंड विधानसभा के आगामी मॉनसून सत्र में इस मामले को उठाने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को सौंपेंगे डोजियर

सरयू राय ने स्पष्ट किया है कि यदि राज्य सरकार और प्रशासन इस पर गंभीरता नहीं दिखाता, तो वे इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट (डोजियर) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र को अवगत कराना आवश्यक हो गया है क्योंकि राज्य में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से दबंगों और खनन माफिया के कब्जे में है।

घटनास्थल पर मिली ताजा मिट्टी की परत, एनडीआरएफ को नहीं मिला सहयोग

विधायक सरयू राय ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम बुधवार को ही घटनास्थल पर पहुंच गई थी लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें आवश्यक उपकरण जैसे हाईड्रा और जेसीबी मशीनें तक मुहैया नहीं कराईं, जिससे राहत एवं खोजबीन का कार्य बाधित हुआ। उन्होंने कहा कि स्थल पर 100 वर्गफीट क्षेत्र में ताजा मिट्टी की मोटी परत पाई गई, जो यह दर्शाता है कि घटना के साक्ष्यों को दबाने का सुनियोजित प्रयास किया गया है।

“घटना को छिपाने का हो रहा प्रयास, प्रशासन और बीसीसीएल की संदिग्ध भूमिका”

सरयू राय ने यह भी आरोप लगाया कि बुधवार को जब वे स्वयं घटनास्थल के पास के केसरगढ़ इलाके में पहुंचे, तो वहां 15 से ज्यादा दबंगों ने बैरिकेडिंग कर क्षेत्र को घेर रखा था और पत्रकारों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। उन्होंने कहा कि पत्थरों और कोयला मलबे से स्थल को भर कर ऊपर ताजा मिट्टी डाल दी गई, ताकि यह दिखाया जा सके कि वहां कोई दुर्घटना नहीं हुई।

बीसीसीएल, सीआईएसएफ और धनबाद पुलिस के गठजोड़ का आरोप

सरयू राय ने बीसीसीएल की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध कोयला खनन और व्यापार में बीसीसीएल के कुछ अधिकारी, सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मी तथा धनबाद पुलिस शामिल हैं। उन्होंने कहा कि खदानों से कोयला उठाने के लिए प्रति टन ₹1600 की अवैध वसूली की जा रही है। एक स्थानीय कारोबारी चौहान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उनका कोयला सिर्फ इसलिए नहीं लादा जा रहा क्योंकि उन्होंने यह राशि नहीं दी और उनकी एफआईआर तक दर्ज नहीं की जा रही।

कोक भट्ठों में अवैध कोयले की आपूर्ति, राजनीतिक संरक्षण का आरोप

श्री राय ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में कोक भट्ठों में भी अवैध कोयला इस्तेमाल हो रहा है और इन भट्ठों के संचालन में कुछ दबंग राजनीतिक व्यक्तियों की सीधी संलिप्तता है। उन्होंने कहा कि जिन व्यापारियों का इनसे सीधा संबंध नहीं है, उन्हें तरह-तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जबकि प्रभावशाली लोगों को कोई रोकने वाला नहीं है।

सरयू राय की प्रमुख मांगें:

  1. बीसीसीएल की बंद खदानों का तत्काल माइनिंग क्लोजर कराया जाए।
  2. डीजी माइन्स सेफ्टी यह स्पष्ट करें कि अब तक माइंस क्लोजर क्यों नहीं हुआ।
  3. धनबाद जिले के कोक भट्ठों में प्रयुक्त कोयले का स्रोत, उसकी मात्रा और वितरण की जांच हो।
  4. आउटसोर्सिंग खदानों से डिलीवरी ऑर्डर पर कोयला उठाने वाले मजदूरों की मजदूरी सीधे बैंक खातों में दी जाए।
  5. बीसीसीएल, सीआईएसएफ, धनबाद पुलिस एवं जिला प्रशासन की भूमिका की स्वतंत्र जांच हो।
  6. पुलिस विभाग की विशेष शाखा द्वारा भेजी गई खनन व व्यापार से जुड़ी रिपोर्टें सार्वजनिक की जाएं।