जमशेदपुर। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर फदलोगोड़ा काली मंदिर, परडीह स्थित जूना अखाड़ा आश्रम में एक भव्य व आध्यात्मिक माहौल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिष्यगण एवं भक्तगण उपस्थित हुए। सभी ने श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती की विधिवत पूजा-अर्चना की और आशीर्वाद प्राप्त किया।पूरे आश्रम परिसर को भव्य रूप से सजाया गया था। भजन-कीर्तन, आरती एवं यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। गुरु पूजन के उपरांत प्रसाद वितरण भी किया गया।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख शिष्यों में इंद्रानंद सरस्वती, मेघानंद सरस्वती, भवानी सिंह, मधु गोराई, प्रमोद उरांव, बुद्धू माझी, विजय सिंह, हरेलाल महतो, मयंक रूंगटा, पीयूष दत्ता, छोटन सिंह, पप्पू सिंह, मस्तान सिंह, वीरू सिंह, शिव शंकर सिंह, प्रिंस सिंह, सतीश सिंह, शंकर मंडल, हरीश सिंह, प्रदीप गिरी, विनोद अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, मदन मोहन सिंह, उषा सिंह, उदय सिंह देव, काली शर्मा, कुणाल सिंह, कृष्णा महतो, अविनाश सिंह राजा, जितेंद्र सिंह, और भूपेंद्र सिंह समेत शहर के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के दौरान महंत विद्यानंद सरस्वती ने गुरु की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा—
“गुरु केवल ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जीवन को दिशा, संबल और संस्कार भी प्रदान करते हैं। शिष्य का सच्चा कर्तव्य है कि वह अपने गुरु के बताए मार्ग पर आचरण करे।”
इसके अलावा चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में भी गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर अपने-अपने गुरु के प्रति आभार और कृतज्ञता प्रकट की।गुरु पूर्णिमा का यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक एकता, अनुशासन और आध्यात्मिक प्रेरणा का अद्भुत उदाहरण बना। श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को भावभीनी श्रद्धांजलि और गुरु सेवा का अवसर माना।