Seraikela : सरायकेला जिले के ईचागढ़ प्रखंड अंतर्गत बांदु पंचायत के डुंगरीडीह टोला में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक 24 लोग इस संक्रामक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रविवार को माझी बाबा दुबराज सोरेन की अध्यक्षता में एक पारंपरिक ग्रामसभा का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने समस्या के समाधान को लेकर चिंता जताई और कई अहम निर्णय लिए।
ग्रामसभा में मौजूद रथु किस्कू ने जानकारी दी कि डायरिया के मामले 1 जुलाई से सामने आने लगे थे और 3 जुलाई तक इसका तेजी से प्रसार हुआ। अधिकांश मरीजों को 108 एंबुलेंस की मदद से पातकुम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन वहां दवाओं की कमी, सीमित बेड, केवल एक शौचालय और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थिति यह है कि सरकारी अस्पताल में डायरिया की जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरीजों को महंगी दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। वहीं, एंबुलेंस की कमी के चलते कई मरीज निजी वाहनों व मोटरसाइकिल के सहारे अस्पताल पहुंच रहे हैं। कई परिवारों में सभी सदस्य बीमार हैं और देखभाल के लिए कोई नहीं है। वर्तमान में 14 मरीज चौका स्थित एक निजी क्लीनिक में इलाजरत हैं, जबकि 10 मरीज पातकुम सीएचसी में भर्ती हैं।
ग्रामसभा में निर्णय लिया गया कि बीमारी की रोकथाम के लिए तत्काल साफ पानी पीने, स्वच्छता बनाए रखने और कुओं में ब्लीचिंग पाउडर डालने जैसे कदम उठाए जाएं। साथ ही सरकार से यह मांग की गई कि डुंगरीडीह में तत्काल मेडिकल कैंप लगाया जाए, दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और स्वास्थ्य केंद्र में बेड, एंबुलेंस तथा शौचालय जैसी सुविधाएं बहाल की जाएं।
ग्रामसभा ने विधायक साबित महतो, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और राज्य सरकार से लिखित अनुरोध किया है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाया जाए।
बैठक में माझी बाबा दुबराज सोरेन, रथु किस्कू, भोद्दो बिनोद किस्कू, बुद्धेश्वर किस्कू, सिबु मुर्मू, धनेस, श्यामचंद किस्कू, हाड़िराम सोरेन, माठाई किस्कू और काली किस्कू सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।