Jamshedpur : जिले में बाल विवाह की कुप्रथा और युवाओं में बढ़ती नशे की लत को रोकने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) द्वारा व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह निर्णय डालसा के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अरविंद कुमार पांडेय के निर्देशानुसार लिया गया है। सोमवार को आयोजित रिफ्रेशर कोर्स प्रशिक्षण शिविर में पैरा लीगल वॉलेंटियर्स (पीएलवी) को इस अभियान की रूपरेखा से अवगत कराया गया।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि हाल के वर्षों में जिले में नशाखोरी के मामले चिंताजनक रूप से बढ़े हैं, विशेषकर युवाओं में ड्रग्स की लत एक सामाजिक संकट बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इसका समाधान केवल जनजागरूकता है और पीएलवी को अपने क्षेत्रों में इस दिशा में सक्रिय प्रयास करने होंगे।
‘साथी’, ‘जागृति’ और नशामुक्ति अभियान पर जोर
प्रशिक्षण कार्यक्रम में नेशनल लीगल सर्विस ऑथोरिटी (नालसा) की तीन प्रमुख योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी गई:
‘साथी’ अभियान: निराश्रित बच्चों की पहचान कर उन्हें आधार कार्ड, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ना।
‘जागृति’ अभियान: महिलाओं के अधिकारों, सुरक्षा और कल्याण से संबंधित जानकारी और जागरूकता।
नशा मुक्ति अभियान: युवाओं को ड्रग्स के दुष्परिणामों से अवगत कराकर उन्हें सुरक्षित भविष्य की ओर प्रेरित करना।
धर्मेंद्र कुमार ने पीएलवी से अपने-अपने क्षेत्र में ड्रग्स के कारोबार और संभावित हॉटस्पॉट्स को चिन्हित करने को कहा, ताकि वहां जनजागरूकता कैंप लगाकर प्रभावी हस्तक्षेप किया जा सके।
बाल विवाह के खिलाफ कठोर कानून, लेकिन कमजोर चेतना
सचिव ने कहा कि बाल विवाह पर सख्त कानून होने के बावजूद, अशिक्षा और अंधविश्वास के कारण समाज में यह प्रथा आज भी जड़ें जमाए हुए है। समस्या का समाधान केवल क़ानून नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना है। इसके लिए जागरूकता अभियान ज़रूरी है।
प्रशिक्षण शिविर में बड़ी संख्या में पीएलवी हुए शामिल
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए सभी पीएलवी को प्रशिक्षण में वरिष्ठ मध्यस्थ अधिवक्ता के.के. सिन्हा ने भी संबोधित किया। उन्होंने न्याय तक पहुंच को सशक्त बनाने में पीएलवी की भूमिका पर बल दिया।
