SarnaDharmaCode : जाति जनगणना के विरोध में ईसाई समुदाय को लाभ पहुंचाने की साजिश: राम सिंह मुंडा

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Jamshedpur :  आदिवासी सुरक्षा परिषद, जमशेदपुर महानगर के अध्यक्ष श्री राम सिंह मुंडा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झा.मु.मो.) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड लागू करने की आड़ में झा.मु.मो. जाति जनगणना का विरोध कर रही है, जिससे ईसाई समुदाय को सीधा लाभ पहुंचाया जा सके।

राम सिंह मुंडा ने कहा कि जाति जनगणना के जरिए झारखंड के आदिवासी समुदाय को धर्म कोड के स्थान पर सरना धर्म दर्ज कराने का अवसर मिलेगा। इससे राज्य में ईसाई समुदाय की वास्तविक संख्या उजागर हो जाएगी, जो मौजूदा आंकड़ों के अनुसार 15% से कम हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप उनका वोट बैंक प्रभावित होगा और आरक्षण का लाभ सीमित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय को पहले से ही अल्पसंख्यक होने का लाभ मिल रहा है, साथ ही वे अनुसूचित जनजाति का लाभ भी ले रहे हैं — जो कि ‘दोहरी सुविधा’ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो हेमंत सोरेन को सरना धर्म कोड में व्यावहारिक पेच मालूम हैं, इसलिए वह जाति जनगणना को टालने की कोशिश कर रहे हैं। राम सिंह मुंडा ने यह भी सवाल उठाया कि क्या देश के सभी राज्यों में बसे आदिवासी समुदाय सरना धर्म कोड को स्वीकार करते हैं? चूंकि राज्यों में भाषा, संस्कृति, परिधान, पूजा-पद्धति और जीवनशैली में भिन्नता है, इसलिए धर्म कोड ‘सरना’ पर भी मतभिन्नता हो सकती है।

उन्होंने आग्रह किया कि देश भर के आदिवासी संगठनों को अनुसूचित जनजातियों के लिए एक समर्पित धर्म कोड की मांग केंद्र सरकार से करनी चाहिए। साथ ही, यह भी जरूरी है कि अगर सरना को ही धर्म कोड के रूप में अपनाना है तो इसके लिए समाज में वैचारिक एकरूपता और एकजुटता हो।

राम सिंह मुंडा ने यह भी घोषणा की कि आदिवासी सुरक्षा परिषद, जमशेदपुर महानगर की ओर से जाति जनगणना के समर्थन में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि सभी जातियों की वास्तविक संख्या सामने आ सके और आरक्षण का लाभ तदनुसार दिया जा सके।

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