Solapur: महाराष्ट्र की राजनीति में एक अनोखा और चौंकाने वाला समीकरण सामने आया है। सोलापुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति (APMC) के चुनाव में कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक दिलीप माने को बीजेपी के समर्थन से सभापति चुना गया है। यह पहली बार है जब किसी कांग्रेस नेता को बीजेपी के समर्थन से ऐसा पद मिला है। साथ ही, उप-सभापति पद पर बीजेपी विधायक सचिन कल्याणशेट्टी के करीबी सुनील कलके निर्विरोध चुने गए हैं। दोनों का कार्यकाल दो वर्षों का होगा।

यह राजनीतिक घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब चुनाव परिणामों के बाद दिलीप माने, सुरेश हसापुरे और राजशेखर शिवदारे ने विधायक कल्याणशेट्टी के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में ही फडणवीस ने अंतिम निर्णय लेते हुए माने और कलके के नामों पर मुहर लगाई थी। रविवार को विधायक कल्याणशेट्टी ने खुद माने और कलके के नामों की घोषणा की और उनके नामांकन दाखिल किए गए। नामांकन के बाद किसी विरोधी उम्मीदवार के ना होने के कारण दोनों को निर्विरोध नियुक्त कर दिया गया।

पैनल की टक्कर और नतीजे
सोलापुर APMC की 18 सीटों के लिए चुनाव हुए थे। इस चुनाव में बीजेपी के भीतर ही दो गुट बन गए थे। एक ओर पूर्व सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख और विजय देशमुख का ‘परिवर्तन पैनल’ था, तो दूसरी ओर बीजेपी विधायक सचिन कल्याणशेट्टी ने कांग्रेस के नेताओं के साथ मिलकर ‘विकास पैनल’ खड़ा किया।

28 अप्रैल को घोषित नतीजों में कल्याणशेट्टी का विकास पैनल भारी पड़ा। इस पैनल ने 18 में से 15 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे देशमुख गुट को बड़ा झटका लगा। इस परिणाम ने न सिर्फ सोलापुर की राजनीति में नई दिशा दी है, बल्कि राज्य स्तर पर भी बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच असामान्य सहयोग की मिसाल पेश की है।
