Tata Steel Procurement Meeting सिंहभूम चैम्बर में टाटा स्टील प्रोक्योरमेंट विभाग के साथ महत्वपूर्ण बैठक, वेंडरों की समस्याओं पर हुआ विस्तृत मंथन





Jamshedpur :सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एससीसीआई) और टाटा स्टील प्रोक्योरमेंट विभाग के बीच नियमित संवाद श्रृंखला के तहत सोमवार को चैम्बर भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में दोनों पक्षों ने व्यवसाय से जुड़ी चुनौतियों, समाधान और पारस्परिक सहयोग को लेकर खुलकर विचार-विमर्श किया।

बैठक में टाटा स्टील के चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर रंजन कुमार सिन्हा के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारी राणा दास, रजत मधुर, आशुतोष पाणीग्रही, अभिषेक कुमार, संग्राम केशरी पंडा और विशाल चन्द्रा समेत पूरी प्रोक्योरमेंट टीम उपस्थित रही। सिंहभूम चैम्बर की ओर से अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, उपाध्यक्ष पुनीत कांवटिया, सचिव बिनोद शर्मा और बड़ी संख्या में स्थानीय उद्यमी शामिल हुए।

अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि स्थानीय व्यवसायियों ने हमेशा टाटा समूह के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने टाटा स्टील से आग्रह किया कि स्थानीय वेंडरों को अधिक प्राथमिकता दी जाए और उनके मुद्दों का संवेदनशीलता के साथ समाधान किया जाए।

रंजन सिन्हा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “टाटा स्टील हमेशा पारदर्शिता के साथ कार्य करता है। हम स्थानीय वेंडरों की समस्याओं के समाधान और सहयोग के लिये प्रतिबद्ध हैं। चैम्बर इस संवाद को मजबूती प्रदान कर रहा है। भविष्य में भी इस तरह की बैठकों के माध्यम से हम आपके सुझावों का स्वागत करते रहेंगे।”

वेंडरों द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे:

गेटपास स्वीकृति प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाने की मांग।

तकनीशियनों के लिए मल्टी लोकेशन गेटपास जारी करने का प्रस्ताव।

योग्य वेंडरों को ही इन्क्वायरी भेजने पर जोर।

दीर्घकालिक आपूर्ति अनुबंधों में ओईएम (OEM) की भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील।

श्रमिकों के मेडिकल फिटनेस टेस्ट की प्रक्रिया में व्यावहारिक संशोधन का अनुरोध।

भुगतान अवधि को पुनः 30 दिन करने की मांग।

टेंडर प्रक्रियाओं में स्थानीय वेंडरों को पर्याप्त अवसर देने का आग्रह।

ई-प्रोक साइट पर कमोडिटी मैनेजरों की संपर्क सूची उपलब्ध कराने की आवश्यकता।

पारिवारिक व्यवसायों में उत्तराधिकार प्रक्रिया को सरल बनाने का सुझाव।


चैम्बर ने टाटा स्टील से अपील की कि कोविड के बाद उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय वेंडरों के साथ व्यवहार में लचीलापन बरता जाए और उनका मनोबल बढ़ाया जाए।

बैठक के अंत में उपाध्यक्ष अनिल मोदी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता, व्यवसायी और उद्यमी वर्ग की बड़ी भागीदारी रही, जो वेंडर समुदाय की सक्रियता और जागरूकता को दर्शाता है।


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