गौरैया संरक्षण की क्यों जरूरत है?
हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया जाता है। कभी हमारे आंगन और छतों पर फुदकने वाली यह नन्ही चिड़िया अब दुर्लभ होती जा रही है। शहरीकरण, मोबाइल टावरों से निकलने वाला रेडिएशन, कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग और प्राकृतिक आवासों की कमी इसकी संख्या में गिरावट के मुख्य कारण हैं। अगर अभी कदम नहीं उठाए गए, तो यह प्यारी चिड़िया हमेशा के लिए लुप्त हो सकती है।
गौरैया हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
गौरैया केवल एक सुंदर पक्षी नहीं, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।
कीट नियंत्रण: गौरैया खेतों और बागों में हानिकारक कीड़ों को खाकर प्राकृतिक कीट नियंत्रण में मदद करती है।
परागण में योगदान: कई बार यह फूलों से परागण करने में सहायक होती है, जिससे जैव विविधता बनी रहती है।
पर्यावरण संकेतक: गौरैया की संख्या में गिरावट पर्यावरणीय असंतुलन का संकेत देती है, जिससे हमें चेतना चाहिए।
गौरैया संरक्षण के लिए क्या करें?
1. प्राकृतिक आवास बचाएं
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोकें और ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं ताकि गौरैया को घोंसला बनाने के लिए सुरक्षित स्थान मिल सके।
2. घरों में घोंसले के लिए जगह दें
लकड़ी के छोटे घर या घोंसले बनाकर छत, बालकनी या बगीचे में रखें। इससे गौरैया को सुरक्षित आश्रय मिलेगा।
3. ताजा पानी और दाना रखें
गर्मियों में खासतौर पर छत या बालकनी में पानी और अनाज रखें, ताकि गौरैया आसानी से भोजन और पानी प्राप्त कर सके।
4. कीटनाशकों का कम इस्तेमाल करें
जहरीले कीटनाशक और रसायनों के उपयोग से गौरैया का भोजन (कीट-पतंगे) नष्ट हो जाता है। जैविक खेती और प्राकृतिक कीटनाशकों को प्राथमिकता दें।
5. मोबाइल टावरों का प्रभाव कम करें
मोबाइल टावरों से निकलने वाला इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन गौरैया के अस्तित्व के लिए खतरा है। इसके लिए सरकार को रेडिएशन नियंत्रण के सख्त नियम लागू करने चाहिए।
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