आस्था और उल्लास का संगम
इस साल एक दुर्लभ संयोग बना है—64 वर्षों बाद रमजान और होली का पावन पर्व एक ही दिन मनाया जाएगा। यह संयोग न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद खास है, क्योंकि दोनों त्योहार प्रेम, सौहार्द और एकता का प्रतीक हैं।
प्रशासन की अपील: सौहार्द बनाए रखें
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि इस शुभ अवसर पर आपसी भाईचारे और शांति का संदेश दें। प्रशासन का कहना है कि होली और रमजान, दोनों ही आत्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े हैं, इसलिए इन्हें सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाना चाहिए।
मिल-जुलकर मनाएं त्योहार
भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतिबिंब इन दोनों त्योहारों में देखा जा सकता है। जहां होली रंगों और खुशियों का पर्व है, वहीं रमजान आत्मसंयम और इबादत का महीना है। ऐसे में यह अवसर आपसी प्रेम और समरसता को बढ़ाने का एक सुनहरा मौका है।
