New Delhi : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) के कार्यालय में सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें देशभर से आए जनजातीय समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने जनजातीय समुदाय की समस्याओं और उनके समाधान को लेकर विस्तृत चर्चा की। बैठक में दिल्ली में कार्यरत विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
जनजातीय समाज की समस्याओं पर खुलकर हुई चर्चा
बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय समाज के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को आयोग के समक्ष रखा। उन्होंने शिक्षा, रोजगार, भूमि अधिकार, स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़ी कठिनाइयों पर प्रकाश डाला। दिल्ली में रह रहे जनजातीय समाज के लोगों ने विशेष रूप से रोजगार और आवास से जुड़ी समस्याओं को सामने रखा।
डॉ. आशा लकड़ा ने सभी प्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को उचित स्तर पर उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग हमेशा जनजातीय समाज के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हम आपकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने और उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”

दिल्ली में जनजातीय समाज के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाने की मांग
बैठक में दिल्ली में कार्यरत सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने मांग की कि राजधानी में रह रहे जनजातीय समुदाय के लोगों के लिए विशेष कल्याणकारी योजनाएं लागू की जाएं, ताकि वे शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ सुगमता से उठा सकें।
डॉ. लकड़ा ने सुझाव दिया कि सामाजिक संगठनों को सरकार के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए, ताकि जनजातीय समाज के लोग अपने अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि आयोग इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के लिए तत्पर है।
जनजातीय अधिकारों की रक्षा के लिए आयोग की प्रतिबद्धता
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग देशभर में जनजातीय समाज के अधिकारों की रक्षा और उनके उत्थान के लिए कार्यरत है। आयोग समय-समय पर विभिन्न राज्यों का दौरा कर जनजातीय समाज की वास्तविक स्थिति का आकलन करता है और सरकार को आवश्यक सिफारिशें भेजता है।
बैठक के अंत में डॉ. लकड़ा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए आयोग सक्रिय भूमिका निभाएगा। उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों से भी अपील की कि वे जनजातीय समाज के उत्थान के लिए निरंतर कार्य करते रहें और आयोग के साथ समन्वय बनाए रखें।
यह बैठक जनजातीय समाज की आवाज को बुलंद करने और उनके अधिकारों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।