New Delhi : म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। SIP (Systematic Investment Plan) बंद होने की दर जनवरी 2025 में 109% तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा डेटा में सामने आया है।
पिछले साल जनवरी में यह दर 52.3% थी, लेकिन इस साल इसमें दोगुने से भी ज्यादा की वृद्धि हुई है। इससे यह साफ है कि निवेशक तेजी से SIP बंद कर रहे हैं, जिससे बाजार में चिंता का माहौल बन गया है।
SIP बंद और नई SIPs का आंकड़ा क्या कहता है?
AMFI के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में 56.19 लाख नई SIPs शुरू हुईं, जबकि 61.33 लाख SIPs बंद कर दी गईं। यह दिखाता है कि जितनी नई SIPs शुरू हो रही हैं, उससे ज्यादा निवेशक अपनी पुरानी SIPs को बंद कर रहे हैं।

दिसंबर और नवंबर में SIP बंद होने की दर काफी कम थी, लेकिन जनवरी में यह आंकड़ा अचानक बढ़ गया, जिससे निवेशकों की मानसिकता में बदलाव का संकेत मिलता है।
क्यों बढ़ रही है SIP बंद करने की दर?
विशेषज्ञों के अनुसार, SIP बंद करने की मुख्य वजह बाजार में जारी उतार-चढ़ाव है।
1. निवेशकों की घबराहट
फाइनेंशियल एक्सपर्ट प्रीति ज़ेंडे का कहना है, “नए निवेशक, जो COVID के बाद बाजार में आए थे, उन्होंने इतनी बड़ी गिरावट पहले नहीं देखी थी। इसलिए वे अब SIP रोक रहे हैं, जो गलत निर्णय साबित हो सकता है।”
2. मार्केट में गिरावट का डर
जब निवेशकों को रोज़ अपने पोर्टफोलियो की वैल्यू गिरती हुई दिखती है, तो उनमें डर पैदा होता है। इस डर के कारण वे SIP बंद करने लगते हैं और सुरक्षित निवेश विकल्पों जैसे कि सोना या डेट फंड की ओर बढ़ते हैं।
3. अस्थिर बाजार में धैर्य की कमी
अधिकतर खुदरा निवेशक शॉर्ट-टर्म पैनिक में आकर SIP बंद कर देते हैं, जबकि SIP का असली फायदा तभी मिलता है, जब इसे लॉन्ग-टर्म तक जारी रखा जाए।
SIP रोकना सही फैसला है या नहीं?
1. बाजार में गिरावट = खरीदारी का सही मौका
जब बाजार नीचे जाता है, तो SIP निवेशकों को कम कीमत पर ज्यादा यूनिट्स खरीदने का मौका मिलता है। इससे जब बाजार में रिकवरी होती है, तो उन्हें ज्यादा मुनाफा मिलता है।
2. लॉन्ग-टर्म लक्ष्य को नजरअंदाज न करें
SIP को बंद करना अस्थायी गिरावट के कारण लिया गया गलत फैसला हो सकता है। अगर निवेशक लॉन्ग-टर्म के लिए SIP जारी रखते हैं, तो वे मार्केट रिकवरी का पूरा फायदा उठा सकते हैं।
3. फाइनेंशियल प्लानिंग का करें पुनर्मूल्यांकन
अगर निवेशक आर्थिक दिक्कतों के कारण SIP रोकने पर मजबूर हैं, तो उन्हें अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग दोबारा देखने की जरूरत है। निवेशकों को अपने खर्चों का सही आकलन करना चाहिए और SIP को जारी रखने की कोशिश करनी चाहिए।