Jamshedpur :झारखंड के प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता, प्रख्यात अधिवक्ता और झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कॉमरेड फुदन मुर्मू का मंगलवार शाम 3:30 बजे दुखद निधन हो गया। उनके निधन से सामाजिक न्याय और श्रमिक आंदोलन को अपूरणीय क्षति हुई है।
मजदूरों और वंचितों के लिए समर्पित जीवन
फुदन मुर्मू ने अपना पूरा जीवन मजदूरों, श्रमिकों और समाज के वंचित तबकों के अधिकारों की लड़ाई में समर्पित कर दिया। वे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में मुख्य कार्मिक एवं प्रशासन प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे और सेवानिवृत्ति के बाद भी सामाजिक न्याय की लड़ाई में सक्रिय रहे।
संथाली भाषा आंदोलन और झारखंड आंदोलन में अहम भूमिका
फुदन मुर्मू केवल मजदूरों के नेता ही नहीं थे, बल्कि वे संथाली भाषा आंदोलन के भी मजबूत स्तंभ थे। झारखंड आंदोलन में उनकी भूमिका अहम रही और उन्होंने झारखंड के हक और अधिकारों के लिए कई संघर्ष किए।
अंतिम यात्रा का कार्यक्रम
उनकी अंतिम यात्रा बुधवार अपराह्न 2 बजे करांडीह स्थित बोदरा टोला स्थित उनके आवास से निकलेगी, जो बिष्टुपुर पार्वती घाट तक जाएगी। इस दौरान प्रदेश कमेटी के सभी यूनिटों के पदाधिकारी और यूनियन के सदस्य श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद रहेंगे। उनका पार्थिव शरीर कुछ समय के लिए आदिवासी भवन में रखा जाएगा, जहां अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे।
श्रमिक आंदोलन को उनकी विरासत जीवंत रखेगी
झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता गौतम कुमार बोस ने कहा कि फुदन मुर्मू का संघर्षमय जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया, लेकिन उनकी विचारधारा और संघर्ष हमेशा जीवित रहेंगे।
1 thought on “Fudan Murmu death Jharkhand labor leader मानवाधिकार कार्यकर्ता और मजदूर नेता फुदन मुर्मू का निधन, झारखंड ने खोया एक क्रांतिकारी योद्धा”
बहुत ही अच्छा समाचार बना है।मजदूरों के भावना को यह मीडिया कद्र किया है।मै उम्मीद करतबों कि देश की जनता का मौलिक सवाल को यह मीडिया विशेष रूप से कवरेज करेगी।