Ranchi: झारखंड सरकार ने राज्य में तंबाकूयुक्त गुटखा और पान मसाला की बिक्री, वितरण, भंडारण और उत्पादन पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत यह प्रतिबंध लागू किया गया है।
स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सरकार का बड़ा कदम
झारखंड सरकार ने यह कदम राज्य में जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया है। अधिसूचना के अनुसार, यह प्रतिबंध 2025 तक प्रभावी रहेगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी लगा था प्रतिबंध
झारखंड में पहले भी गुटखा और पान मसाला पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद इसे बढ़ाया नहीं गया था। अब स्वास्थ्य विभाग ने फिर से इसे लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे तंबाकू उत्पादों के बढ़ते उपयोग पर रोक लगाई जा सके।
क्या रहेगा प्रतिबंधित?
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, राज्य में तंबाकूयुक्त गुटखा और पान मसाला के उत्पादन, वितरण, बिक्री और भंडारण पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। हालांकि, बिना तंबाकू वाले पान मसाले पर फिलहाल कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने फैसले का किया स्वागत
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि गुटखा और पान मसाला के सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इस प्रतिबंध से खासकर युवाओं को तंबाकू उत्पादों की लत से बचाने में मदद मिलेगी।
कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें। यदि कोई दुकानदार या वितरक प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री करते पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रतिबंध पर आम जनता की मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोगों ने इसे जनस्वास्थ्य के लिए जरूरी बताया है, वहीं कुछ व्यापारियों का कहना है कि इससे उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा।