Jamshedpur : शहर में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे आम जनता में भय और आक्रोश दोनों हैं। हाल ही में हुए दो भीषण सड़क हादसों ने चार परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।
पहली दुर्घटना टेल्को थाना क्षेत्र के जेम्को चौक के पास हुई, जहां तेज रफ्तार ट्रक ने स्कूटी सवार पिता, पुत्र और पुत्री को टक्कर मार दी। इस हादसे में कृष्णा शर्मा (40) और उनकी बेटी अंजली शर्मा (19) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बेटा विक्की शर्मा (18) गंभीर रूप से घायल हो गया।
दूसरी दुर्घटना बागबेड़ा थाना क्षेत्र के केंद्रीय विद्यालय मोड़ महुआ गली के पास हुई, जहां शनिवार देर रात ‘नो इंट्री’ का उल्लंघन करते हुए एक तेज रफ्तार हाइवा ने बाइक सवार दंपती को कुचल दिया। इस हादसे में परसुडीह प्रमथनगर निवासी देवाशीष चौधरी (62) और उनकी पत्नी नूपुर चौधरी (55) की मौके पर ही मौत हो गई।
विधायक पूर्णिमा साहू ने परिजनों से मिलकर बंधाया ढांढस
दुख की इस घड़ी में हरसंभव मदद का आश्वासन
सोमवार को जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू दुर्घटना में जान गंवाने वाले पीड़ित परिवारों से मिलने उनके घर पहुंचीं। उन्होंने बारीगोड़ा और परसुडीह प्रमथनगर में शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की।
विधायक ने कहा—
“यह बेहद दुखद घटनाएं हैं। पीड़ित परिवारों के दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हम प्रशासन से मांग करेंगे कि दोषी वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा मिले।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वह प्रशासनिक स्तर पर मुआवजा प्रक्रिया को जल्द पूरा कराने के लिए प्रयासरत रहेंगी।
सख्त कार्रवाई की मांग, नो-एंट्री उल्लंघन रोकने की अपील
घायल विक्की शर्मा के इलाज के लिए भी विधायक ने दिया आश्वासन
विधायक पूर्णिमा साहू ने इस मामले में जिला उपायुक्त से मुलाकात कर तेज रफ्तार वाहनों और नो-एंट्री नियमों का उल्लंघन करने वाले ट्रकों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
इसके अलावा, घायल विक्की शर्मा के बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी उन्होंने प्रशासन से सहयोग की अपील की।
प्रशासन से जनता की मांग—सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं
इन दर्दनाक हादसों से पूरे शहर में गुस्से और चिंता का माहौल है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि—
नो-एंट्री में चलने वाले भारी वाहनों पर तुरंत रोक लगाई जाए।
तेज रफ्तार ट्रकों और हाइवा पर सख्त कार्रवाई की जाए।
दुर्घटना प्रभावित परिवारों को त्वरित मुआवजा मिले।
सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।
अगर प्रशासन इस ओर जल्द ध्यान नहीं देता, तो स्थानीय लोग बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।