RANCHI: रांची रेल मंडल के अंतर्गत बहुप्रतीक्षित सिल्ली-इलू बाईपास रेल मार्ग का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है। रेलवे ने इस परियोजना के लिए निविदा जारी कर दी है, जिससे कार्य में तेजी आने की उम्मीद है।
इस रेल लाइन के निर्माण से टाटा और हावड़ा के बीच यात्रा का समय दो घंटे तक कम हो सकता है, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा होगी।
5.9 किलोमीटर लंबी होगी नई रेल लाइन
प्रस्तावित सिल्ली-इलू बाईपास रेल लाइन की कुल लंबाई 5.9 किलोमीटर होगी।
इस परियोजना पर 137 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
रेलवे ने लगभग संपूर्ण भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया है।
इस बाईपास मार्ग का मुख्य उद्देश्य टाटा और रांची के बीच रेल यात्रा को सुगम और तेज बनाना है। इसके पूरा होने के बाद ट्रेनों को मुरी जंक्शन की बजाय सीधे सिल्ली-इलू बाईपास से गुजारा जाएगा, जिससे मुरी स्टेशन पर ट्रेनों की भीड़ कम होगी और इंजन बदलने में लगने वाला समय भी बचेगा।
रांची से टाटा की यात्रा होगी मात्र 3.30 घंटे में पूरी
इस रेल लाइन के बनने के बाद रांची से टाटानगर का सफर मात्र साढ़े तीन घंटे में पूरा होगा, जबकि अभी यह यात्रा करने में 5.5 घंटे तक का समय लगता है। इस परियोजना की मांग 2015 से की जा रही थी और अब यह अपने क्रियान्वयन की ओर बढ़ रही है।
रेलवे के इस कदम से झारखंड के औद्योगिक और व्यापारिक केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी।
रेलवे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने जताई खुशी
दक्षिण पूर्व रेलवे के ZRUCC सदस्य अरुण जोशी ने इस परियोजना पर संतोष जताते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और पूर्व राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस रेल मार्ग के निर्माण से यात्रियों को सुविधा होगी और यात्रा समय में महत्वपूर्ण कटौती होगी।
पूर्व सांसद महेश पोद्दार ने भी रेल मंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि इस परियोजना से न सिर्फ रांची-हावड़ा और टाटा के बीच यात्रा आसान होगी, बल्कि ईंधन की भी बचत होगी। उन्होंने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस महत्वपूर्ण परियोजना को गति देने के लिए आभार प्रकट किया।
यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत
यह रेल मार्ग झारखंड की राजधानी रांची से औद्योगिक शहर टाटानगर और अन्य स्थानों के बीच यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाएगा। तत्कालीन राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने इस परियोजना को साकार करने के लिए रेल मंत्री के साथ लगातार समन्वय बनाए रखा, जिससे बजट की स्वीकृति में तेजी आई।
अब जब इस परियोजना का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है, तो यह यात्रियों और व्यापारिक गतिविधियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी।