Delhi :केंद्र सरकार जल्द ही नए इनकम टैक्स बिल को संसद में पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 13 फरवरी को लोकसभा में इस विधेयक को पेश करेंगी। इसका उद्देश्य पुराने आयकर अधिनियम, 1961 को हटाकर एक सरल, पारदर्शी और करदाता अनुकूल कानून लागू करना है।
छह दशक पुराने टैक्स कानून की होगी विदाई
नया Income Tax Bill करीब 60 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेगा। इस विधेयक में कोई नया कर लागू नहीं किया जाएगा, बल्कि भाषा को सरल बनाया जाएगा ताकि करदाताओं और व्यवसायों को इसे समझने में आसानी हो। इसे अप्रैल 2026 से लागू करने की योजना है।
क्या होंगे इनकम टैक्स कानून में बदलाव?
1. अनावश्यक और अप्रचलित प्रावधान हटाए जाएंगे – पुराने कानून में मौजूद कई बेजान और गैर-जरूरी प्रावधान खत्म किए जाएंगे।
2. मुकदमेबाजी में कमी आएगी – कर कानूनों की अस्पष्टता के कारण कई मामले अदालतों तक पहुंचते हैं। नया विधेयक इसे कम करेगा।
3. अनुपालन (Compliance) होगा आसान – करदाताओं को कम दस्तावेज़ी औपचारिकताओं से गुजरना पड़ेगा।
4. ‘स्पष्टीकरण’ या ‘प्रावधान’ शब्दों की कटौती – इन शब्दों के अत्यधिक उपयोग को कम किया जाएगा, जिससे इसे पढ़ना और समझना आसान हो।
5. ‘बावजूद’ शब्द की जगह ‘अपरिहार्य’ – विधेयक में भाषा को सहज बनाने के लिए कानूनी शब्दावली को बदला गया है।
क्या फ्रिंज बेनिफिट टैक्स रहेगा या हटेगा?
विशेषज्ञों के अनुसार, Fringe Benefit Tax से जुड़े अनावश्यक प्रावधान नए विधेयक से हटा दिए गए हैं। इससे करदाताओं पर अतिरिक्त बोझ कम होगा।
13 फरवरी को पेश होगी JPC रिपोर्ट
इसके साथ ही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट भी 13 फरवरी को संसद में पेश की जाएगी। इस रिपोर्ट में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 से जुड़े तथ्यों को रखा जाएगा। पहले इसे 3 फरवरी को पेश किया जाना था, लेकिन इसे टाल दिया गया था।
नया इनकम टैक्स विधेयक पुराने Income Tax Act, 1961 की जगह लेकर कर प्रणाली को आसान, पारदर्शी और कम विवादास्पद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके लागू होने से करदाताओं को न केवल कम कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा, बल्कि मुकदमेबाजी और अनुपालन प्रक्रियाएं भी सरल होंगी।