Delhi भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। यह आयोग कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और भत्तों में संशोधन करेगा। इसका सीधा लाभ लगभग 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा।
2026 में लागू होगा 8th Pay Commission
8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। इससे पहले, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं। इस बार आयोग के जरिए कर्मचारियों के वेतन में फिटमेंट फैक्टर 2.86 का प्रस्ताव है, जो पेंशन और बेसिक सैलरी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करेगा।
फिटमेंट फैक्टर से होगा बड़ा फायदा
अगर 8वें वेतन आयोग में 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो न्यूनतम पेंशन वर्तमान ₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 प्रति माह हो सकती है। यह लगभग 186% की बढ़ोतरी होगी।
अधिकतम पेंशन: ₹1,25,000 से बढ़कर संभावित ₹3,57,500 हो जाएगी।
महंगाई राहत (DR): पेंशन और वेतन में बढ़ोतरी को और अधिक बढ़ा सकती है।
ग्रेच्युटी की सीमा: वर्तमान से अधिक तय की जाएगी।
पारिवारिक पेंशन: इसमें भी संशोधन किया जाएगा।
हर 10 साल में होता है वेतन आयोग का गठन
सरकार आम तौर पर हर 10 साल में कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। 48.62 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67.85 लाख पेंशनर्स को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
महंगाई भत्ता और राहत में वृद्धि
महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर हर दो साल में संशोधित किया जाता है। 8वें वेतन आयोग के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पेंशनभोगियों की क्रय शक्ति महंगाई के बावजूद बनी रहे।