आरबीआई के नए CIBIL स्कोर नियम: क्या हैं मुख्य बदलाव?
भारतीय रिज़र्व बैंक ने CIBIL स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट के नियमों में कई बड़े बदलाव किए हैं। इन नए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य ग्राहकों को वित्तीय प्रक्रिया में अधिक अधिकार देना और क्रेडिट रेटिंग सिस्टम को पारदर्शी बनाना है। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से।
1. डिफॉल्ट सूचना से पहले ग्राहक को नोटिस देना अनिवार्य
अब बैंक और वित्तीय संस्थान डिफॉल्टर ग्राहकों की जानकारी CIBIL या अन्य क्रेडिट ब्यूरो को भेजने से पहले ग्राहकों को सूचित करेंगे। यह कदम ग्राहकों को उनके क्रेडिट स्कोर को खराब होने से पहले सुधारने का अवसर प्रदान करेगा।
2. CIBIL स्कोर चेक पर सूचना जरूरी
यदि कोई कंपनी ग्राहक का CIBIL स्कोर चेक करती है, तो ग्राहक को इसकी सूचना ईमेल या SMS के माध्यम से देना अनिवार्य होगा।
3. हर साल मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट का अधिकार
सभी ग्राहक अब हर साल अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट एक बार मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। यह नियम 26 अप्रैल 2024 से लागू हो चुका है। इससे ग्राहक अपनी क्रेडिट स्थिति को समझने और सुधारने में सक्षम होंगे।
4. शिकायत समाधान के लिए समयसीमा
क्रेडिट स्कोर से संबंधित शिकायतों का समाधान 30 दिनों के भीतर करना होगा। अगर शिकायत समय पर हल नहीं होती, तो संबंधित एजेंसी को ₹100 प्रतिदिन का जुर्माना देना होगा।
5. क्रेडिट स्कोर सुधार में सहायता
बैंक और एनबीएफसी (NBFC) को ग्राहकों को उनके क्रेडिट रेटिंग में सुधार के लिए जरूरी जानकारी देना अनिवार्य होगा।
यह जानकारी SMS या ईमेल के माध्यम से दी जा सकती है।
6. क्रेडिट स्कोर सुधार अनुरोध का स्पष्ट उत्तर
यदि ग्राहक का क्रेडिट स्कोर सुधारने का अनुरोध अस्वीकार किया जाता है, तो संस्थान को इसके स्पष्ट कारण बताने होंगे।
इससे ग्राहकों को अपने स्कोर सुधारने की दिशा में सही कदम उठाने में मदद मिलेगी।
7. वेबसाइट पर मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट उपलब्ध कराना अनिवार्य
लोन देने वाली कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करनी होगी। इससे ग्राहक आसानी से अपनी रिपोर्ट तक पहुंच सकेंगे।
8. डेटा अपडेट और समयसीमा
ऋणदाता संस्थानों को 21 दिनों के भीतर क्रेडिट ब्यूरो को डेटा भेजना होगा। क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिनों के भीतर डेटा अपडेट करना अनिवार्य है। ग्राहकों को अधिक अधिकार और सूचनाएं प्राप्त होंगी, जिससे वित्तीय विवाद कम होंगे।
2025 में लागू होंगे बड़े बदलाव
ये सभी नियम 2025 तक पूरी तरह से प्रभावी हो जाएंगे। इसका उद्देश्य क्रेडिट रिपोर्ट और लोन आवेदन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और ग्राहकों के अनुकूल बनाना है।
ग्राहकों को क्या मिलेगा फायदा?
क्रेडिट स्कोर सुधार का मौका: पहले से जानकारी मिलने से ग्राहक अपने स्कोर को सुधार सकेंगे।
मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट: साल में एक बार रिपोर्ट मुफ्त में मिलने से पारदर्शिता बढ़ेगी।
शिकायतों का तेज समाधान: समयसीमा का पालन न करने पर कंपनियों पर जुर्माना लगेगा।
पारदर्शी प्रक्रिया: क्रेडिट रेटिंग सुधारने के लिए सभी जरूरी जानकारी ग्राहकों को दी जाएगी।