Jamshedpur: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रविवार को झारखंड सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार का योजनाओं को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना अनुचित और अमानवीय है। मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विधवा पेंशन योजना को तत्काल बहाल करने की मांग की। बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि विधवा पेंशन योजना बंद होने से हजारों महिलाओं का जीवन संकट में पड़ गया है। यह पेंशन उनके जीवन का एकमात्र सहारा है, जो उन्हें सम्मान और आत्मनिर्भरता प्रदान करती थी।
विधवा पेंशन फंड “मंईया सम्मान योजना” में ट्रांसफर?
मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार ने विधवा पेंशन के फंड को “मंईया सम्मान योजना” में ट्रांसफर कर दिया है। इससे महिलाओं को पिछले पांच-छह महीनों से पेंशन नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम सरकार की प्राथमिकताओं और सामाजिक कल्याण के प्रति उसकी गंभीरता पर सवाल उठाता है।
“महिलाओं की मजबूरी का मजाक न बनाए सरकार”
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की विधवा माताएं और बहनें पहले से ही दयनीय स्थिति में हैं। अब पेंशन बंद होने से उनकी समस्याएं बढ़ गई हैं। कई महिलाएं भोजन, दवाइयों और अन्य बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रही हैं। मरांडी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह महिलाओं की मजबूरी और दर्द को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे इस स्थिति को गंभीरता से लें और पेंशन योजना को बहाल करें। मरांडी ने जोर देकर कहा कि विधवा पेंशन केवल एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। इसे रोकना महिलाओं के अधिकारों और उनकी गरिमा के खिलाफ है।