BPSC प्रश्नपत्र लीक पर विवाद: मंत्री ने दिया बयान, कहा- ‘कोई सबूत नहीं मिला

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  • BPSC प्रश्नपत्र लीक पर विवाद: मंत्री ने दिया बयान, कहा- ‘कोई सबूत नहीं मिला’

 

बिहार लोक  सेवा आयोग (BPSC) की 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हुए थे। हालांकि, बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने साफ कहा है कि प्रश्नपत्र लीक का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है।

सरकार ने प्रदर्शनकारियों से क्या कहा?

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “प्रश्नपत्र लीक की अफवाहें साजिश के तहत फैलाई गई हैं। किसी को यह नहीं पता कि यह कहां लीक हुआ। लेकिन इसके पीछे जो लोग हैं, वे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए।”

 

मुख्य सचिव द्वारा प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद यह बयान आया है। सरकार ने कहा है कि राज्य में परीक्षा निष्पक्षता से आयोजित हुई है। हालांकि, एक केंद्र पर गड़बड़ी की पुष्टि होने पर वहां दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया गया है।

 

BPSC का रुख और पुनः परीक्षा का आदेश

 

BPSC ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि 10,000 से अधिक प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए 4 जनवरी को दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। आयोग ने यह भी कहा कि बिहार के अन्य 911 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा सुचारू रूप से आयोजित की गई थी। पांच लाख से अधिक अभ्यर्थियों की ओर से किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं हुई।

 

आंदोलन को मिला विपक्ष का समर्थन

 

इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार का विरोध करने वाले दलों ने इस आंदोलन को समर्थन दिया है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और वामपंथी दलों ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है।

 

रविवार को प्रशांत किशोर ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया और कहा, “अगर सरकार सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो आंदोलन फिर शुरू होगा।”

 

राजभवन मार्च और विपक्षी दलों की मांग

 

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के नेतृत्व में राजभवन तक मार्च निकालने की कोशिश की गई। हालांकि, पुलिस ने इसे विफल कर दिया। बाद में विपक्षी दलों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

 

क्या है आगे की राह?

 

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रश्नपत्र लीक होने का कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन आंदोलनरत छात्रों और राजनीतिक दलों की मांगों के चलते विवाद और गहराने की संभावना है। अब सबकी नजरें पुनः परीक्षा और इसके परिणाम पर टिकी हैं

 

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