Cyber crime scams : साइबर ठगी का खतरा हर दिन बढ़ता जा रहा है, खासतौर पर डिजिटल गिरफ्तारी और फर्जी इन्वेस्टमेंट के नाम पर हो रही धोखाधड़ी से। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के अनुसार, साल 2024 के पहले छह महीनों में भारतीयों को लगभग 11,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि औसतन हर दिन भारतीयों ने 60 करोड़ रुपये गंवाए।
फर्जी कॉल से सावधान रहें
साइबर अपराधी लोगों को फर्जी कॉल और इन्वेस्टमेंट स्कीम्स के जरिए फंसाते हैं। इन कॉल्स में आपको डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाया जाता है और उससे बचने के लिए पैसों की मांग की जाती है। कुछ मामलों में लोगों ने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई गंवा दी और कई लोगों ने इस दबाव में अपनी जान तक दे दी।
डिजिटल गिरफ्तारी का कोई कानून नहीं
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं है। ऐसे में किसी भी फर्जी कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें। हमेशा सरकारी वेबसाइट और विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी की पुष्टि करें।
साइबर ठगी से बचने के लिए टिप्स
1. किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल पर पर्सनल जानकारी साझा न करें।
2. कोई फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कीम आपके पास आए, तो उसकी सत्यता जांचें।
3. अगर आपको किसी ठगी का शिकार होने का संदेह है, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
4. अपनी डिजिटल सुरक्षा मजबूत करने के लिए अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें।
5. केवल विश्वसनीय और सुरक्षित पेमेंट गेटवे का उपयोग करें।
जागरूकता ही है सुरक्षा
साइबर ठगी के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार आपकी सतर्कता और जागरूकता है। डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाने वाले फर्जी कॉल्स का शिकार न बनें। अपने परिवार और दोस्तों को भी इन खतरों के प्रति आगाह करें।