50 कंबलों के योगदान से श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत
सनातन सेवा ट्रस्ट, जो सनातन धर्म और समाजसेवा के प्रति समर्पित है, ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अपनी सेवाओं के तहत 50 कंबलों का योगदान दिया है। यह कंबल महाकुंभ में आयोजित सेवा शिविरों में श्रद्धालुओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।
महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। ऐसे आयोजनों में श्रद्धालुओं की सुविधाओं और जरूरतों का ख्याल रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सनातन सेवा ट्रस्ट ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए इस सेवा कार्य को अंजाम दिया।
महंत विद्यानंद सरस्वती ने की सेवा भावना की सराहना
परडीह कालीबाड़ी के महंत विद्यानंद सरस्वती जी ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा,
> “महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सेवा का प्रतीक है। सनातन सेवा ट्रस्ट द्वारा दिया गया यह योगदान न केवल श्रद्धालुओं की मदद करेगा, बल्कि समाज में सेवा और परोपकार की भावना को भी प्रेरित करेगा।”
“सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं” – सोनू ठाकुर
इस सेवा कार्य के संदर्भ में ट्रस्ट के प्रतिनिधि सोनू ठाकुर ने कहा,
> “हमारा उद्देश्य केवल धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर वर्ग की सेवा करना है। महाकुंभ में हमारा यह छोटा प्रयास श्रद्धालुओं की कठिनाइयों को कम करने के लिए है। सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है, और भविष्य में भी हम इसी भावना के साथ काम करते रहेंगे।”
संस्थापक और प्रमुख सदस्य रहे उपस्थित
इस सेवा कार्य के दौरान ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. राजीव कुमार, वीर सिंह जी, समाजसेवी वेद प्रकाश उपाध्याय जी, सागर राय जी और रिंटू जी भी मौजूद रहे। उनकी उपस्थिति ने इस पहल को और मजबूत बनाया।
महाकुंभ में सेवा के प्रति समर्पण
सनातन सेवा ट्रस्ट का यह योगदान सेवा और परोपकार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ट्रस्ट का यह प्रयास श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
य संस्कृति और परोपकार की भावना का प्रतीक है।