सरायकेला में भूमाफिया की नजर आदिम जनजाति की जमीन पर, जाताल पूजा स्थल पर जबरन कब्जे की साजिश







सरायकेला/चांडिल।
चांडिल थाना क्षेत्र के दलमा की तराई में बसे आदिम जनजाति सवर समुदाय की जमीन को लेकर गंभीर मामला सामने आया है। खड़िया बीहड़ परिवार की कुल 3 एकड़ 13 डिसमिल जमीन (खाता सं. 447, प्लॉट सं. 2589) पर भूमाफिया द्वारा जबरन कब्जा करने की साजिश रची जा रही है। यह जमीन सदियों पुराना जाताल पूजा स्थल भी है, जहां अब बोर्ड लगाकर धार्मिक पहचान भी स्थापित की गई है।




2018 से चल रहा है जमीन विवाद, कोर्ट में लंबित है मामला

इस जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच वर्ष 2018 से जिला न्यायालय में मामला लंबित है। इसके बावजूद पीड़ित परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं। सवर परिवार के सदस्य बेहद डरे और सहमे हुए हैं। इस क्षेत्र की आदिवासी पहचान पर संकट मंडरा रहा है।

आसानबनी पंचायत के इस भूखंड की लोकेशन भी अहम है—यह जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग 33 (टाटा-रांची मार्ग) पर टेंथ माइल रिसॉर्ट के पास स्थित है। जमीन की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है।




कांग्रेस नेता गुरुचरण लोहारा बोले: प्रशासन चुप, भूमाफिया बेखौफ

मौके पर पहुंचे राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस चांडिल प्रखंड अध्यक्ष गुरुचरण लोहारा ने कहा कि यह मामला आदिम जनजाति की अस्मिता और अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस जमीन को हड़पने की कोशिश में वर्तमान विधायक प्रतिनिधि, जिला परिषद सदस्य और ग्राम प्रधान तक की भूमाफिया से साठगांठ है।

उन्होंने कहा:

“अगर समय रहते प्रशासन ने आदिवासी परिवार की जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की, तो समाज को उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।”



जातीय और धार्मिक महत्व की जमीन पर कब्जे की साजिश

सवर समुदाय के लोगों का कहना है कि यह जमीन न सिर्फ उनके पूर्वजों की विरासत है, बल्कि यह उनका धार्मिक केंद्र भी है। इस पर जबरन कब्जा, उनकी आस्था और अस्मिता पर हमला है। भूमाफिया के खिलाफ अब आदिवासी समाज में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।



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