रांची में आज होगी पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक, गृहमंत्री अमित शाह करेंगे अध्यक्षता, 20 अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

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रांची, 11 जुलाई 2025।
पूर्वी भारत के चार प्रमुख राज्यों—झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल—के साझा विकास, प्रशासनिक समन्वय और सुरक्षा से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श के लिए आज पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) की 27वीं बैठक का आयोजन रांची के रेडिसन ब्लू होटल में किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह करेंगे। बैठक का आयोजन प्रातः 11:00 बजे से निर्धारित है।

गृहमंत्री का रात्रि आगमन, सुरक्षा और तैयारियों की समीक्षा

गृहमंत्री अमित शाह बुधवार देर रात रांची पहुंचे। उनके आगमन को लेकर रांची में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बैठक की सफलता सुनिश्चित करने हेतु मंगलवार शाम केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री मनोज केजरीवाल ने होटल परिसर में राज्य सरकार के अधिकारियोंऔर विभिन्न कार्यबलों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान गृह मंत्रालय सचिवालय से जुड़े कई अधिकारी भी रांची पहुंच चुके हैं।

20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगा मंथन

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की इस अहम बैठक में कुल 20 मुद्दों पर चर्चा प्रस्तावित है, जिनमें शामिल हैं:

  • अंतर-राज्यीय सीमा विवादों का समाधान
  • नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष विकास योजनाएं
  • आपदा प्रबंधन में सहयोग
  • आधारभूत ढांचे (सड़क, रेल, बिजली) का एकीकृत विकास
  • पर्यावरण संरक्षण और वन अधिकार
  • केंद्र प्रायोजित योजनाओं का क्रियान्वयन
  • राज्यों को लंबित केंद्रीय बकाया की मांग
  • एसआरई (Security Related Expenditure) फंड की बहाली

राज्यों की उच्चस्तरीय भागीदारी

बैठक में भाग लेने के लिए विभिन्न राज्यों से शीर्ष प्रतिनिधि रांची पहुंचे हैं:

  • झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं बैठक में शामिल होंगे। वे बुधवार शाम को दिल्ली से रांची लौटे।
  • बिहारमंत्री विजय कुमार चौधरी और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भाग लेंगे।
  • ओडिशा: मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, उपमुख्यमंत्री पार्वती परीदा और मंत्री मुकेश महालिंगम बैठक में भाग लेंगे।
  • पश्चिम बंगाल: राज्य की ओर से मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य हिस्सा लेंगी।

झारखंड सरकार सौंपेगी मांग पत्र

सूत्रों के अनुसार झारखंड सरकार इस बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक विस्तृत मांग पत्र सौंप सकती है। इस पत्र में निम्नलिखित प्रमुख मांगें शामिल होंगी:

  • केंद्र सरकार से लंबित वित्तीय बकाया की शीघ्र आपूर्ति
  • विशेष केंद्रीय अनुदान की मांग
  • एसआरई फंड (Security Related Expenditure) की बहाली
  • नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में योजनाओं की स्वीकृति में तेजी
  • राज्य में चल रहे केंद्रीय परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा