जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्यरत संगठन आदर्श सेवा संस्थान ने अक्षय तृतीया के अवसर पर एक अनूठी पहल करते हुए धर्मगुरुओं के बीच विशेष जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान को व्यापक सफलता मिली है और जिले के विभिन्न धर्मों के पुरोहितों, मौलवियों और पादरियों ने बाल विवाह के खिलाफ समर्थन का हाथ बढ़ाया है।
अभियान से जुड़े पंडित, मौलवी और पादरी
संगठन के निदेशक डॉ. निर्मला शुक्ला ने बताया कि बाल विवाह बिना धार्मिक अनुष्ठान के संभव नहीं है, इसलिए उन्होंने विवाह संपन्न कराने वाले धर्मगुरुओं को जागरूक करना जरूरी समझा। अभियान के तहत अब जिले के मंदिरों, मस्जिदों और गिरजाघरों के बाहर बोर्ड लगाए गए हैं, जिन पर साफ लिखा है कि बाल विवाह की अनुमति नहीं है।
डॉ. शुक्ला ने कहा कि यदि धर्मगुरु बाल विवाह कराने से इनकार कर दें तो देश से इस अपराध का जल्द सफाया किया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 18 वर्ष से कम आयु की बच्ची के साथ विवाह करना यौन अपराध है और यह पॉक्सो एक्ट के तहत बलात्कार की श्रेणी में आता है।

