पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जे की साजिश, आदिवासी एकता मंच ने उठाई आवाज — प्रशासन को सौंपी शिकायत, आंदोलन की चेतावनी

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के बड़ाबांकी गांव में पुश्तैनी जमीन पर कब्जे को लेकर जमीन विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। जय सिंह नामक स्थानीय निवासी ने आरोप लगाया है कि उनके ही परिवार के सदस्य राजेन सिंह ने बाहरी भू-माफियाओं के साथ मिलकर पारंपरिक तौर पर बंटवारे में मिली 24 बीघा ज़मीन पर अवैध रूप से बाउंड्री कर दी है और जमीन की प्लॉटिंग कर बेचने की कोशिश में जुटे हैं—कुछ हिस्सों को बेच भी दिया गया है।



जय सिंह के अनुसार, यह जमीन उनके दादा स्व. भरत सिंह के नाम पर मौजा बेताकोचा, खाता संख्या 49, 50, 51, 54 में दर्ज है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजेन सिंह द्वारा बिना पारिवारिक सहमति और कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन करते हुए जमीन पर अवैध निर्माण और बिक्री की जा रही है। इससे उनके पारंपरिक अधिकारों का खुला उल्लंघन हुआ है।



इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आदिवासी एकता मंच ने पीड़ित जय सिंह का समर्थन करते हुए इसे आदिवासी समुदाय के पारंपरिक अधिकारों पर हमले की संज्ञा दी है। मंच ने थाना एम.जी.एम. को इस संबंध में लिखित शिकायत सौंपी है और अंचल अधिकारी, मानगो को भी कार्रवाई के लिए पत्र दिया है।

आदिवासी एकता मंच ने स्पष्ट शब्दों में चेताया है कि यदि एक सप्ताह के भीतर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो मंच इस मामले को भूमि सुधार मंत्री और मुख्यमंत्री तक ले जाएगा। साथ ही जिले में व्यापक जन आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। जय सिंह का कहना है, “यह सिर्फ मेरी ज़मीन की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज के परंपरागत अधिकार और सम्मान का सवाल है। यदि प्रशान निष्क्रिय रहा, तो हम आंदोलन करने को बाध्य होंगे।”

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