


सरायकेला। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी अंतर्गत माकुलाकोचा स्थित संग्रहालय परिसर में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से 5 मई को होने वाले विशु शिकार (सेंदरा पर्व) को लेकर आयोजित की गई, जिसमें दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के अंतर्गत आने वाली सभी ईको विकास समितियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए चांडिल दलमा पूर्वी रेंज की आरएफओ अर्पणा चंद्रा और पश्चिमी रेंज के आरएफओ दिनेश चंद्रा ने कहा कि सेंदरा आदिवासी समुदाय का एक पारंपरिक पर्व है, जिसे श्रद्धा और सादगी के साथ मनाना चाहिए। उन्होंने अपील की कि इस पर्व के दौरान पारंपरिक पूजा-पाठ एवं अनुष्ठानों का पालन किया जाए, लेकिन वन्य प्राणियों को नुकसान न पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि “एक मनुष्य का जैसे पृथ्वी के अस्तित्व में योगदान है, वैसे ही वन्य जीवों का भी अहम स्थान है।”
वन विभाग की निगरानी बढ़ी, गश्ती तेज
आरएफओ अपर्णा चंद्रा ने जानकारी दी कि विशु शिकार को लेकर वन विभाग पूरी तरह सतर्क है और जंगलों में लगातार गश्ती की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि कोई शिकारी आधुनिक हथियारों के साथ पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक संवाद
बैठक में ईको विकास समिति के प्रतिनिधियों ने भी अपनी प्रतिबद्धता जताई कि वे पारंपरिक पर्व को शांतिपूर्ण और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाएंगे। बैठक का उद्देश्य आदिवासी परंपरा और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखना था।