जमशेदपुर, 6 मई 2025:
पूर्वी सिंहभूम जिले के डीसी ऑफिस के सामने आज LGBTQIA+ समुदाय, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और नागरिक संगठनों ने एकजुट होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। यह विरोध भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के उस बयान के खिलाफ था, जिसमें उन्होंने धारा 377, समलैंगिकता और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को लेकर आपत्तिजनक और घृणास्पद टिप्पणी की थी।



प्रदर्शन में विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमियों से आए 50 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागी LGBTQIA+ ध्वज, भारतीय संविधान की प्रतियां और विरोध के पोस्टर लिए हुए थे। विरोध शांतिपूर्ण किंतु संकल्पबद्ध रहा, जिसमें भाग लेने वालों ने अपने अस्तित्व और अधिकारों की गरिमामयी अभिव्यक्ति की।
ज्ञापन सौंपा — प्रशासन से की तीन प्रमुख मांगें
प्रदर्शन के अंत में कार्यकर्ता Souvik Saha के नेतृत्व में उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें सांसद के बयान की निंदा करते हुए LGBTQIA+ समुदाय की सुरक्षा, सम्मान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु ठोस कदम उठाने की मांग की गई। ज्ञापन पर 50 से अधिक संगठनों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों के हस्ताक्षर थे।
ट्रांसजेंडर समुदाय की सशक्त आवाज़
ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता Purnima किन्नर ने कहा,
“हमारा जीवन किसी की राजनीति का मोहरा नहीं है। हम इंसान हैं, नागरिक हैं और हमारे अधिकारों को कोई खत्म नहीं कर सकता।”
वहीं युवा प्रतिभागी ऋषिका ने कहा,
“हमने सिर्फ विरोध नहीं किया, हमने अपनी जगह पर दावा किया। संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं — हम उन अधिकारों के साथ खड़े हैं, नफरत के खिलाफ!”
प्रदर्शन की मुख्य मांगें:
1. सांसद द्वारा दिए गए LGBTQIA+ विरोधी बयान की सार्वजनिक और संवैधानिक निंदा।
2. समुदाय की सुरक्षा और सम्मान के लिए जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील पहल।
3. प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस और शिक्षकों के लिए जेंडर और संवैधानिक अधिकारों पर प्रशिक्षण।