जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र की विधायक पूर्णिमा साहू ने नदी घाटों, डैमों और तालाबों पर सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम पहल की है। उन्होंने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अपने क्षेत्र के जल स्रोतों पर चौबीसों घंटे प्रशिक्षित गोताखोरों की तैनाती सुनिश्चित करने तथा आपात स्थिति में एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की तत्पर उपलब्धता बनाए रखने की मांग की है।

विधायक ने अपने पत्र में हाल ही में बाबूडीह घाट, सुवर्णरेखा नदी में दो किशोरों की दुखद डूबने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएं अत्यंत पीड़ादायक हैं और इन्हें रोका जा सकता है, बशर्ते समय पर राहत और बचाव दल उपलब्ध हो। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक प्रयासों के बावजूद उस समय न तो प्रशिक्षित गोताखोर उपलब्ध हो सके और न ही एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की टीम समय पर पहुंच पाई। अंततः स्थानीय मछुआरों की मदद से शवों को नदी से बाहर निकाला गया।

विधायक साहू ने पत्र में अपने क्षेत्र के संवेदनशील घाटों का उल्लेख करते हुए कहा कि मानगो छठ घाट, बाबूडीह घाट, भोजपुर घाट, पाण्डेय घाट, सुवर्णरेखा घाट, डोंगा घाट, जिला स्कूल घाट, हुडको डैम समेत अन्य जल स्रोतों पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आते हैं, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
उन्होंने जिला प्रशासन से निम्नलिखित चार प्रमुख बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई की मांग की:
1. सभी घाटों, डैमों और तालाबों पर 24×7 प्रशिक्षित गोताखोरों की तैनाती
2. एनडीआरएफ/एसडीआरएफ या अन्य आपदा राहत टीमों की तत्पर उपलब्धता
3. जल स्रोतों के निकट चेतावनी सूचक बोर्ड की स्थापना
4. जोखिमपूर्ण स्थलों पर निगरानी एवं सुरक्षा संसाधनों की व्यवस्था

इस पत्र की प्रतिलिपि राज्य सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, झारखंड के प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन सचिव, एनडीआरएफ पटना के कमांडेंट और झारखंड एसडीआरएफ रांची के समादेष्टा को भी भेजी गई है। विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें और लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।