कविता के ऋषि रवींद्रनाथ टैगोर को नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में श्रद्धांजलि, रवींद्र जयंती पर हुआ भव्य आयोजन


जमशेदपुर, 7 मई 2025: नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी विद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा कविता के ऋषि रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती पर एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर टैगोर के जीवन, साहित्यिक धरोहर और उनके सांस्कृतिक योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया गया। कार्यक्रम में काव्य पाठ, संगीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से उनकी रचनाओं को जीवंत किया गया।



दीप प्रज्ज्वलन और स्वागत नृत्य से हुई शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया। इसके बाद छात्रों ने पारंपरिक स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम की सांस्कृतिक गरिमा को बढ़ाया।



प्रो. शकीबुर रहमान खान ने टैगोर की विरासत पर किया संबोधन
अंग्रेजी विभाग के प्रमुख प्रो. शकीबुर रहमान खान ने टैगोर के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा, “रवींद्रनाथ टैगोर 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले गैर-यूरोपीय थे। उन्होंने न केवल भारतीय साहित्य को नई ऊंचाई दी, बल्कि भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर प्रस्तुत किया।”



रवींद्र संगीत और कविता पाठ ने छू लिया दिल
कार्यक्रम की मुख्य प्रस्तुतियों में रवींद्र संगीत की संगीतमय अभिव्यक्ति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं कविता पाठ के दौरान टैगोर की कालजयी रचनाएं जैसे “जहाँ मन बिना किसी डर के है” और “स्वतंत्रता” ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। छात्रों द्वारा प्रस्तुत उनके प्रसिद्ध नाटकों के चरित्र चित्रण ने टैगोर के बहुआयामी व्यक्तित्व की झलक प्रस्तुत की।

कार्यक्रम का समापन सहायक प्रोफेसर अंकिता मोदक के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने टैगोर की भारतीय संस्कृति में भूमिका को दोहराया और सभी उपस्थित अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. प्रभात कुमार पाणी, डीन अकादमिक प्रो. दिलीप शोम, डीन प्रशासन प्रो. नाज़िम खान, परीक्षा नियंत्रक प्रो. मोजिब अशरफ, सहायक प्रोफेसर अभिनव कुमार, अवनी सहाय, विभिन्न विभागों के प्रमुख और संकाय सदस्य मौजूद थे।

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