Jamshedpur :अमेरिका द्वारा अप्रवासी भारतीयों को हथकड़ियों में जकड़कर देश वापस भेजने के अपमानजनक तरीके का विरोध तेज हो गया है। ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर के नेतृत्व में साकची बड़े गोलचक्कर के पास विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान फेडरेशन के सदस्यों ने हाथों में हथकड़ियां पहनकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए।
“भारत लौटने वालों को सम्मान मिले”
सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने अप्रवासी भारतीयों को सेना के विमान में हथकड़ियों में बांधकर भेजा, जो मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। यह कदम न सिर्फ अप्रवासी भारतीयों का अपमान है, बल्कि भारत की गरिमा पर भी आघात करता है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को सम्मानजनक तरीके से वापस लाया जाए और उनके पुनर्वास की व्यवस्था हो।
फर्जी एजेंटों पर कार्रवाई की मांग
प्रदर्शनकारियों ने इस मुद्दे की जड़ में मौजूद फर्जी एजेंटों पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि हजारों युवा झूठे वादों के शिकार होकर विदेश पहुंचते हैं और फिर इस तरह बेइज्जत कर लौटाए जाते हैं। फेडरेशन ने मांग की कि सरकार फर्जी एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में किसी भी भारतीय को इस तरह की शर्मिंदगी न उठानी पड़े।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोग
इस विरोध प्रदर्शन में सुखविंदर सिंह साब्बी, इंद्रजीत सिंह पनेसर, परमजीत सिंह काले, अवतार सिंह, दिलबाग सिंह, गुरदीप सिंह काका, अमरजीत सिंह, मनदीप सिंह शैंकी, तरणप्रीत सिंह बन्नी, बलबीर सिंह, मनमोहन सिंह, रोशन सिंह समेत कई अन्य लोग शामिल रहे।
सरकार कब उठाएगी कदम?
यह पहली बार नहीं है जब अप्रवासी भारतीयों को इस तरह के अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या भारत सरकार अपने नागरिकों के सम्मान के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी? या फिर ये विरोध प्रदर्शन सिर्फ एक दिन की खबर बनकर रह जाएंगे?